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MBA Chai Wala के फाउंडर के खिलाफ इंदौर में शिकायत, प्रफुल्ल बोले- हमें बदनाम करने की साजिश

इंदौर में MBA CHAI WALA के फाउंडर के खिलाफ एक शख्स ने शिकायत दर्ज करवाई है. उसका कहना है कि प्रफुल्ल ने कंपनी की फ्रेंचाइजी देने के लिए तकरीबन 13 लाख रुपये कंपनी के अकाउंट में जमा कराए. अब उसे घाटा हो रहा है. इस पर उसने हर्जाने के रूप में पैसों की डिमांड की तो कंपनी की ओर से कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.

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MBA Chai Wala के फाउंडर प्रफुल्ल बिल्लोरे. (फोटो-  @Prafull_mbachai)
MBA Chai Wala के फाउंडर प्रफुल्ल बिल्लोरे. (फोटो- @Prafull_mbachai)

मध्य प्रदेश के इंदौर में फेमस MBA CHAI WALA के फाउंडर Prafull Billore के खिलाफ एक शख्स ने शिकायत दर्ज करवाई है. पुलिस का कहना है कि शिकायती पत्र मिला है, मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं, प्रफुल्ल बिल्लोरे का कहना है कि ये उन्हें बदनाम करने की साजिश है. 

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शिकायतकर्ता ने कहा है कि एमबीए चाय वाला के आउटलेट खोलने के लिए इसके फाउंडर प्रफुल्ल बिल्लोरे ने कई लोगों से संपर्क किया था. प्रफुल्ल ने कंपनी की फ्रेंचाइजी देने के लिए तकरीबन 13 लाख रुपये कंपनी के अकाउंट में जमा कराए. इसके बाद आउटलेट खोला था.

कंपनी की ओर से कोई जानकारी नहीं दी जा रही: 

शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि जिस जगह उसने आउटलेट खोला था, वहां विभिन्न तरह का इंटीरियर व अन्य चीजों पर तकरीबन 27 लाख रुपये का इंवेस्टमेंट करवाया गया. मगर, अब उसे घाटा हो रहा है. इस दौरान जानकारी की तो पता चला कि सिर्फ आउटलेट ही घाटे में चल रहे हैं. इसके बाद आउटलेट बंद करके कंपनी से हर्जाने के रूप में पैसों की डिमांड की, लेकिन कंपनी की ओर से किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.

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जांच कर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी: 

शिकायतकर्ता ने ये भी बताया कि इंदौर में 6 लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई है. इसमें आशीष तिवारी, तन्मय चौकसे, देवेश पाटीदार, आदित्य विश्वकर्मा, प्रतीक और रुद्राक्ष परदेसी शामिल हैं. संबंधित लोगों ने इंदौर के लसूड़िया थाने में शिकायती आवेदन दिया है. वहीं, इस मामले में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि मामले में आवेदकों ने जो शिकायत की है, उसके आधार पर जांच पड़ताल कर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

मामले में प्रफुल्ल बिल्लोरे का बयान: 

उधर, इस मामले में प्रफुल्ल बिल्लोरे ने कहा, "मैंने लोगों को फ्रेंचाइजी दी है. मगर, वो एक बिजनेस मॉडल है. हमने किसी को कोई कमिटमेंट नहीं किया कि उनको कितनी बचत होगी. सबने अपनी मर्जी से फ्रेंचाइजी ली है, जो सामान हम उपलब्ध करवाते हैं, उसी का पैसा लेते हैं. ये हमें बदनाम करने की साजिश के तहत किया जा रहा है". इस मामले में इंदौर के डीसीपी सूरज वर्मा ने कहा कि शिकायत मिली है, जिसकी जांच की जा रही है. 

 

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