कांग्रेस ने मंगलवार को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं और कार्यकर्ताओं को पैसे का लालच देने का आरोप लगाया. साथ ही मंत्री को उन्हें बर्खास्त करने और चुनाव लड़ने से रोकने की मांग की. कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने यह भी दावा किया कि एक कांग्रेस कार्यकर्ता द्वारा शिकायत करने के बाद चुनाव आयोग ने राजपूत पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ओझा ने एक वीडियो चलाया, जिसमें कथित तौर पर सुरखी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक गोविंद सिंह राजपूत पार्टी कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि वह भाजपा को अधिक वोट दिलाने वाले बूथ प्रभारियों को 25 लाख रुपये का पुरस्कार देंगे.
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू है और भाजपा के नेता जो जानते हैं कि वे चुनाव हारने वाले हैं, लगातार कदाचार में लगे हुए हैं और मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं.
ओझा ने वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें वह कथित तौर पर कह रहे हैं कि वह उन बूथों के प्रभारियों को 51,000 रुपये देंगे, जहां कांग्रेस को कोई वोट नहीं मिला.
उन्होंने कहा कि राजपूत केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी थे. ओझा ने आरोप लगाया कि सिंधिया सड़कों पर उतरने और लोगों के लिए लड़ने की बात करते हैं लेकिन उनके करीबी लोग भ्रष्टाचार में शामिल हैं और "वोट खरीदने" की बात कर रहे हैं.
चुनाव आयोग का किया धन्यवाद
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता संदीप सिंह बघेल ने मुख्य चुनाव आयुक्त और राज्य चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 और आईपीसी की धारा 178 के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए चुनाव आयोग को धन्यवाद दिया.
'ऐसे नेताओं की संपत्ति की हो जांच'
उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि कैलाश विजयवर्गीय और गोविंद सिंह राजपूत जैसे भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों और नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. हम राज्यपाल से अपील करते हैं कि वे गोविंद सिंह राजपूत को तुरंत बर्खास्त करें. हम मांग करते हैं कि उन्हें (ऐसे भाजपा उम्मीदवारों को) चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जाए और उनकी संपत्ति की जांच की जाए ताकि पता लगाया जा सके कि उन्होंने इतना पैसा कैसे इकट्ठा किया है.