मध्य प्रदेश में बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय को पार्टी की ओर से जारी किए गए कारण बताओ नोटिस पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. पटवारी ने मालवीय का समर्थन करते हुए बीजेपी पर जमकर हमला बोला और इसे दलित विरोधी करार दिया. उन्होंने कहा कि मालवीय ने लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई, लेकिन बीजेपी ने यह साबित कर दिया कि जो गलत के खिलाफ आवाज उठाएगा, उसका सिर कुचल दिया जाएगा.
जीतू पटवारी ने कहा, "चिंतामणि मालवीय को नोटिस इसलिए दिया गया, क्योंकि उन्होंने लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई. इस वक्त भू-माफिया सरकार के सिर चढ़कर बोल रहा है. उज्जैन में सिंहस्थ 2028 के नाम पर किसानों की जमीन को अस्थायी रूप से अधिग्रहित करने की बात कहकर स्थायी रूप से कब्जा करने की साजिश रची जा रही है. सिंहस्थ आस्था का केंद्र है, लेकिन किसानों से उनकी जमीन हमेशा के लिए छीनना गलत है. मालवीय ने जो काम किया, वह जनता के हित में था."
पटवारी ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, "यहां बीजेपी ने साफ कर दिया है कि जो गलत के खिलाफ सिर उठाएगा, उसका सिर कुचल दिया जाएगा. यह बीजेपी की दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है."
विधानसभा में मालवीय ने उठाया था मुद्दा
दरअसल, चार दिन पहले विधानसभा में चिंतामणि मालवीय ने सिंहस्थ 2028 के लिए उज्जैन में हो रहे जमीन अधिग्रहण का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था, "सिंहस्थ के नाम पर पहले किसानों की जमीन 3-6 महीनों के लिए अधिग्रहित की जाती थी, लेकिन अब उन्हें स्थायी अधिग्रहण का नोटिस दिया जा रहा है. ऐसा न हो कि हम सिंहस्थ की भूमि हमेशा के लिए खो दें."
मालवीय के इस बयान से बीजेपी आलाकमान नाराज हो गया. बताया जा रहा है कि इसकी जानकारी दिल्ली तक पहुंची, जिसके बाद प्रदेश संगठन को मालवीय को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए.
BJP ने जारी किया नोटिस
बीजेपी ने रविवार को चिंतामणि मालवीय को कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिनों में जवाब मांगा है. पार्टी का कहना है कि मालवीय ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान देकर अनुशासनहीनता की है. इस नोटिस के बाद मालवीय को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है.
कांग्रेस ने बनाया मुद्दा
जीतू पटवारी ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर हमला तेज कर दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी किसानों और दलितों के हितों की अनदेखी कर रही है. पटवारी ने पहले भी उज्जैन में जमीन अधिग्रहण के मुद्दे को लेकर सरकार पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि सरकार बिना उचित अधिग्रहण प्रक्रिया के किसानों की जमीन पर कब्जा कर कॉन्क्रीट का शहर खड़ा करना चाहती है. यह मामला मध्य प्रदेश की सियासत में नया तूल पकड़ सकता है. अब देखना यह है कि चिंतामणि मालवीय इस नोटिस का जवाब कैसे देते हैं और बीजेपी इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है.