मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में शनिवार को हुई एक हिंसक घटना में भीड़ के हमले में एक पुलिसकर्मी और एक आदिवासी व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. अन्य फरार आरोपियों की तलाश के लिए अभियान जारी है.
पुलिस के अनुसार, आदिवासियों के एक समूह ने सनी द्विवेदी नामक व्यक्ति का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी. उसे बचाने पहुंची पुलिस टीम पर भी हमला किया गया, जिसमें सहायक उपनिरीक्षक (ASI) रामचरण गौतम की मौत हो गई. यह घटना गदरा गांव में हुई, जो शाहपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आता है. हमले में कई अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे.
DGP का दौरा
मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना सोमवार को सतना जिले के गुलुआ पवैया गांव पहुंचे, जो एएसआई गौतम का पैतृक गांव है.
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "रामचरण गौतम एक समर्पित पुलिस अधिकारी थे, जिनकी इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मृत्यु हुई. मैं यहां पुलिस विभाग की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि देने आया हूं."
DGP ने बताया, "अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. कई अपराधी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश के लिए पुलिस टीमें सक्रिय हैं."
मकवाना ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर रविवार को रीवा और मऊगंज का दौरा किया था. मुख्यमंत्री ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
सरकार की घोषणा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को मृतक पुलिसकर्मी के परिवार के लिए एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की. उन्होंने कहा, "एएसआई गौतम ड्यूटी पर शहीद हुए हैं. उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाएगा और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी." गौतम का अंतिम संस्कार रविवार को उनके पैतृक गांव में पूरे सम्मान के साथ किया गया.
स्थिति पर नियंत्रण
घटना के बाद इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस ने भारी बल तैनात किया है. डीजीपी ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया गया है. इस घटना ने राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं, जिस पर विपक्षी दलों ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.
पुलिस का कहना है कि यह हिंसा एक पुराने विवाद से जुड़ी हो सकती है, जिसकी जांच जारी है. आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई जा रही है.