प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को खुलासा किया कि पिछले साल मध्य प्रदेश में एक लावारिस SUV से जब्त किए गए 52 करोड़ रुपये की नकदी और सोना पूर्व परिवहन विभाग के आरक्षक सौरभ शर्मा का था. यह मामला लंबे समय से विवादों में था, और अब ED के इस बयान के बाद कयासों पर विराम लग गया है.
इनोवा कार से 52 किलोग्राम सोने के बिस्किट, नकदी बरामद
यह मामला 20 दिसंबर 2023 को तब सामने आया जब इनकम टैक्स विभाग ने भोपाल में एक इनोवा कार से 52 किलोग्राम सोने के बिस्किट (करीब 40 करोड़ रुपये मूल्य) और 11 करोड़ रुपये नकद जब्त किए. यह कार चेतन सिंह गौर के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जो सौरभ शर्मा के करीबी माने जाते हैं.
इस पूरे मामले की जांच तीन एजेंसियां - प्रवर्तन निदेशालय (ED), आयकर विभाग और मध्य प्रदेश लोकायुक्त पुलिस कर रही हैं. लोकायुक्त पुलिस ने सबसे पहले सौरभ शर्मा पर छापा मारा था और उनके घर से 2.85 करोड़ रुपये नकद सहित 3 करोड़ रुपये की संपत्ति बरामद की थी.
सौरभ शर्मा ने विभिन्न कंपनियों के नाम पर निवेश किया
ED के मुताबिक, सौरभ शर्मा ने भ्रष्टाचार के जरिए अवैध संपत्ति अर्जित की और इसे अपने परिवार के सदस्यों, सहयोगियों और विभिन्न कंपनियों के नाम पर निवेश किया. इस मामले में ED ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 92.07 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर दी है.
शर्मा के करीबी लोगों में शरद जैसवाल, चेतन सिंह गौर, अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, अविरल एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड और यू आर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के नाम सामने आए हैं.
लोकायुक्त पुलिस के अनुसार, सौरभ शर्मा ने 2015 में अपने सरकारी डॉक्टर पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति के तहत परिवहन विभाग में आरक्षक की नौकरी पाई थी. उन्होंने 2023 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. आरोप हैं कि उन्होंने भ्रष्ट तरीकों से धन अर्जित किया और अपनी मां, पत्नी और भाभी के नाम पर स्कूल और होटल तक खोल लिए.
सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जैसवाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. ED की जांच लोकायुक्त पुलिस की FIR के आधार पर की जा रही है.