भोपाल में राशन घोटाले को दबाने के चलते खाद्य विभाग के 15 अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है. खाद्य विभाग के संचालक ने प्रमुख सचिव खाद्य के निर्देश पर यह कार्रवाई की. जिन अफसरों पर एक्शन लिया गया है उनमें भोपाल की तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक से लेकर सहायक आपूर्ति नियंत्रक और कनिष्ठ आपूर्ति नियंत्रक स्तर के अधिकारी शामिल है. 15 को सस्पेंड कर 4 को चार्जशीट सौंपी गई है. पिछले काफी समय से राशन की दुकानों पर कालाबाजारी की शिकायतें प्रमुख सचिव खाद्य को मिल रही थी.
बताया जा रहा है कि जांच दल ने इस पूरे मामले को दबाने की पूरी कोशिश की. लेकिन जांच रिपोर्ट बनाने में वो गड़बड़ी कर गए और उसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया. गरीबों को मिलने वाले राशन वितरण में फर्जीवाड़े को रोकने के मकसद से सरकार ने पीओएस मशीनों के माध्यम से ऑनलाइन राशन बटवाने की व्यवस्था की थी.
प्रावधान है कि आधार नंबर को लिंक कर राशन लेने वाले हितग्राही का पीओएस मशीन पर थंब इंप्रेशन लेने के बाद ही उसको राशन दिया जाए. इसके बावजूद भी भोपाल में खाद्य विभाग के अफसरों और राशन दुकान संचालकों की मिलीभगत के चलते पिछले 8 से 10 महीनों से राशन में हेर फेर चल रहा था. सूत्रों की मानें तो इस अवधि में जिम्मेदार अधिकारियों ने अपने चहेते राशन दुकान संचालकों का ना तो स्टॉक चेक किया और ना ही यह जानने की कोशिश करी कि लोगों को राशन मिल रहा है या नहीं और अगर मिल रहा है तो कितना मिल रहा है.
प्रमुख सचिव खाद्य से हुई थी शिकायत
इस मामले को लेकर लोगों ने खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई से इसकी शिकायत की थी. जिसके बाद खाद्य विभाग के संचालक दीपक सक्सेना ने 24 अफसरों की 12 टीम को भोपाल शहर की 70 राशन दुकानों की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था. इस पूरी जांच में खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत बांटे जाने वाले राशन की जांच के लिए संचालन स्तर के अफसरों की ड्यूटी लगाई गई थी. सूत्रों की माने तो इन अफसरों ने भोपाल के फील्ड के अफसरों को बचाने के लिए जो रिपोर्ट सौंपी. इसमें किसी तरह कि अनियमितता नहीं होने की रिपोर्ट शामिल थी. इसके बाद क्रॉस चेकिंग का खुलासा हुआ और जांच रिपोर्ट में क्लीनचिट देने करप्शन दबाने के मामले में संचालनालय के अफसर भी निलंबित कर दिए गए.
जांच करने वाले अधिकारी भी नप गए
राशन दुकानों में गड़बड़ी की शिकायत के बाद 70 राशन दुकानों की औचक जांच कराई गई. इसमें से 39 दुकानों में व्यापक अनियमितता पाई गई. इन सभी दुकानों का आवंटन निरस्त कर दिया गया है और भोपाल के जिला आपूर्ति नियंत्रक को निर्देश दिए गए हैं कि स्व सहायता समूह के माध्यम से इन दुकानों का संचालन किया जाए. इसके लिए जो जांच दल बनाया गया था उसमें स्थानीय अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया था. जांच दल में संचालनालय के अफसरों के अलावा आसपास के जिलों के अफसर शामिल किए गए थे जिसमें से कई अफसरों ने राशन घोटाला उजागर करने के बजाय उसे दबाने की कोशिश की और इसका खुलासा होने पर प्रमुख सचिव खाद्य के निर्देश पर इन अफसरों को भी सस्पेंड कर दिया गया.
जिला आपूर्ति नियंत्रक सहित कई अधिकारीयो को किया गया सस्पेंड
दुकानों में हुए फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद खाद्य विभाग ने भोपाल में पदस्थ रहीं ज़िला खाद्य आपूर्ती नियंत्रक समेत 15 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. जिन अफसरों को सस्पेंड किया गया है उनमें भोपाल की जिला आपूर्ति नियंत्रक रही ज्योति शाह नरवरिया, सहायक आपूर्ति अधिकारी संतोष उइके, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी विनय सिंह, प्रताप सिंह, सत्यपाल सिंह जादोन, सहायक आपूर्ति अधिकारी दिनेश अहिरवार, एलएस गिल के अलावा जांच कार्य मे अनियमितता करने वाले संचालनालय के सहायक आपूर्ति अधिकारी अनिल तंतुवाय, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सौरभ जैन, सहायक संचालक अनिल तिवारी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी राजगढ़ सुरेश गुर्जर, सहायक आपूर्ति अधिकारी राजेश खरे संचालनालय, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी अंकित हंस संचालनालय, शरद पंचोली विदिशा, आशीष तोमर नर्मदापुरम शामिल हैं। खाद्य विभाग के संचालक दीपक सक्सेना द्वारा जारी आदेश में इनके अलावा आपूर्ति अधिकारी राजगढ़ जसराम जाटव, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संचालनालय मयंक चंदेल, सहायक आपूर्ति अधिकारी संचालनालय सय्यद परवेज नकवी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संचालनालय रामकन्या कच्छावा को चार्जशीट सौंपी गई है.