मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में एक थाना प्रभारी रहे पुलिस अधिकारी को अदालत ने 3 माह की सजा सुनाई है. साथ ही एक हजार रुपये के अर्थदंड की भी सजा सुनाई है.
सुसनेर के थाना प्रभारी रहते हुए पुलिस अधिकारी डीएस पुरोहित पर झूठे केस में फंसाने और पैसा वसूलने को लेकर न्यायालय में परिवाद चल रहा था. सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने पुरोहित को आरोपी माना.
फरियादी अफशाद ने बताया कि साल 2013 के मई माह में वह नाई की दुकान पर दाढ़ी कटवा रहा था, तभी दो पुलिसकर्मी आए और 'तुम्हें टीआई साहब बुला रहे हैं' कहकर थाने ले गए. फरियादी के अनुसार थाने पर उसके साथ अभद्र व्यवहार किया गया. गंदी गंदी गालियां दी गईं और मारपीट की गई. धमकी दी कि अगर रुपये नहीं दिए तो आईपीसी की धारा 151 और 110 में बंद कर जिला बदर की कार्रवाई करेंगे.
इससे डरे फरियादी के लड़के और भतीजे ने मिलकर सात हजार रुपये टीआई को दिए. उस दौरान फरियादी की जेब में रखे 200 रुपये भी पुलिसकर्मियों ने छुड़ा लिए और झूठा सट्टे का केस बना दिया.
पीड़ित ने मामले की शिकायत एसडीपीओ ससुनेर और एसपी शाजापुर और उज्जैन आईजी से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. तब हार थककर पीड़ित ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और अब उसे न्याय मिल पाया है.