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मध्य प्रदेश के श्योपुर में ग्रामीणों ने मगरमच्छ के पकड़कर बाहर निकाला. फिर उसे रस्सी से बांध दिया और मुंह के अंदर लाठी फंसा दी. मामला रघुनाथपुर थानाक्षेत्र के रिझेटा गांव का है. दरअसल, ग्रामीणों का कहना था कि उन्होंने मगरमच्छे को 8 साल के बच्चे को जिंदा निगलते देखा. जब तक मगरमच्छ पेट से बच्चे को बाहर नहीं निकालता, वे उसे नहीं छोड़ेंगे.
इसी बीच सूचना पाकर घड़ियाल विभाग की टीम और पुलिस भी मौके पर पहुंची. उन्होंने ग्रामीणों से मगरमच्छ के छुड़ाने की कोशिश की. ग्रामीण इसी बात पर अड़े थे कि जब तब मगरमच्छ के पेट से बच्चा बाहर नहीं निकल जाता, तब तक वे उसे नहीं छोड़ेंगे. लेकिन पुलिस और वन विभाग की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने मगरमच्छ को छोड़ दिया.
इसके बाद जब पुलिस ने जब बच्चे को तलाशना शुरू किया तो उसका शव नदी में ही तैरता मिला. शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है.
चंबल नदी में नहाने आया था बच्चा
बताया जा रहा है कि रिझेटा गांव निवासी लक्ष्मण सिंह केवट का 8 साल का बेटा अतर सिंह सोमवार की सुबह चंबल नदी पर नहाने गया था. नहाते समय मगरमच्छ ने उस पर हमला कर दिया. मगरमच्छ बच्चे को खींचकर नदी में ले गया. बच्चे को नदी में ले जाते हुए वहां नहा रहे गांव के दूसरे लोगों ने देख लिया. घटना की जानकरी मिलते ही परिजन और ग्रामीण हाथों में लाठी-डंडे व जाल लेकर आ गए. ग्रामीणों ने किसी तरह मगरमच्छ को जाल में फंसाकर रस्सी से बांध लिया और नदी के बाहर ले गए.
चंबल नदी पर लगा रहा लोगों का जमावड़ा
ग्रामीणों का कहना था कि बच्चे ने उनकी आंखों के सामने मगरमच्छ ने बच्चे को निगला है. वे लोग इसी उम्मीद में थे कि मगरमच्छ के पेट से बच्चा निकल जाएगा. सुबह से शाम हो गई. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. दिनभर चंबल नदी पर लोगों का जमावड़ा लगा रहा. बाद में वन विभाग के अधिकारियों और पुलिस द्वारा तमाम समझाइश के बाद ग्रामीणों ने मगरमच्छ को छोड़ दिया.
उधर, रघुनाथपुर थाना प्रभारी श्याम वीर सिंह तोमर कहना है कि बच्चा नदी में नहाते समय गहरे पानी में चला गया था. लोगों का कहना है कि मगरमच्छ ने उसे निगला है. लेकिन जब हमने उसे तलाशना शुरू किया को बच्चे का शव नदी में तैरता मिला. शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है.