मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा, जिन पर करोड़ों की संपत्ति अवैध रूप से जमा करने का आरोप है, अब एक और मामले में फंस गए हैं. पुलिस ने उनके खिलाफ सरकारी नौकरी पाने के लिए गलत जानकारी देने के आरोप में केस दर्ज किया है.
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
पिछले साल लोकायुक्त और आयकर विभाग ने सौरभ शर्मा के घर छापा मारा था, जिसमें करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ था. इसके बाद जांच में यह भी सामने आया कि उन्होंने 2015 में अनुकंपा नियुक्ति के तहत सरकारी नौकरी पाने के लिए गलत जानकारी दी थी.
क्या है मामला?
एएसपी नीरंजन शर्मा के अनुसार, परिवहन विभाग की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है. सौरभ शर्मा और उनकी मां उमा शर्मा ने 2015 में शपथ पत्र देकर यह दावा किया था कि उनके परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं है. लेकिन जांच में पाया गया कि सौरभ शर्मा का बड़ा भाई छत्तीसगढ़ सरकार में कर्मचारी है. इस आधार पर पुलिस ने ग्वालियर के सिरोल थाने में सौरभ शर्मा और उनकी मां के खिलाफ धोखाधड़ी और शपथ पत्र में गलत जानकारी देने का मामला दर्ज किया है.
कब से नौकरी में थे सौरभ शर्मा?
सौरभ शर्मा 2015 से 2023 तक परिवहन विभाग में कांस्टेबल के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने VRS ले ली थी.
करोड़ों की संपत्ति का खुलासा
लोकायुक्त पुलिस ने दिसंबर 2023 में सौरभ शर्मा के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर 8 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी, जिसमें 2.87 करोड़ रुपये नकद और बहुमूल्य धातुएं शामिल थीं. आयकर विभाग ने भोपाल के बाहरी इलाके में एक कार से 10 करोड़ रुपये नकद और 50 किलो सोना बरामद किया था, जो सौरभ शर्मा से जुड़ा हुआ था. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी. फिलहाल, पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है.