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MP: ‘दृश्यम’ फिल्म से मिलती-जुलती मर्डर मिस्ट्री, डॉक्टर को उम्रकैद

सतना में नर्स की हत्या के आरोप में अदालत ने डॉक्टर को उम्रकैद की सजा सुनाई है. मृतका के परिजनों का कहना है कि आरोपी को फांसी की सजा होनी चाहिए. पुलिस ने 20 फरवरी 2021 को डॉक्टर त्रिपाठी को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर क्लीनिक के बाहर दफन शव को 58 दिन बाद सड़ी-गली अवस्था में बरामद किया था. 

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नर्स की हत्या के आरोप में डॉक्टर को उम्रकैद
नर्स की हत्या के आरोप में डॉक्टर को उम्रकैद

मध्य प्रदेश के सतना डेंटल क्लीनिक में काम करने वाली नर्स की हत्या के आरोप में डॉक्टर को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. न्यायाधीश यतींद्र कुमार गुरु की अदालत ने हत्यारे डॉक्टर आशुतोष त्रिपाठी पर 2 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

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बता दें, मृतका की मां ने 1 फरवरी 2021 को अपनी 23 वर्षीया बेटी भानू केवट की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जांच के दौरान पुलिस ने नर्स और डॉक्टर के मोबाइल रिकॉर्ड खंगाला, तो कई चौंका देने वाले बाते पता चलीं. शुरुआती पूछताछ में आरोपी पुलिस को गुमराह करता रहा. मगर, जब सख्ती से पूछताछ की गई तो वह टूट गया और पुलिस ने सामने अपना गुनाह कूबल कर लिया. 

पुलिस ने 20 फरवरी 2021 को डॉक्टर त्रिपाठी को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर क्लीनिक के बाहर दफन शव को 58 दिन बाद सड़ी-गली अवस्था में बरामद किया था. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 302 और हत्या कर साक्ष्य मिटाने पर आईपीसी की धारा 201 के तहत मामला दर्ज किया था.

18 दिसंबर 2021 गला घोंटकर की थी भानू की हत्या

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आरोपी डॉक्टर आशुतोष ने पुलिस को बताया था कि 18 दिसंबर 2021 की रात ही भानू को मार दिया था. क्लीनिक के अंदर ही उसने उसी के दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया था. मृतका क्लीनिक में रिसेप्सनिस्ट का काम देखती थी. इस दौरान दोनों के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गए थे.

जब मृतका ने शादी का दबाव डालना शुरू किया, तो दोनों के बीच विवाद होना शुरू हो गया. इसके बाद डॉक्टर ने उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी और शव को क्लीनिक के बगल में खाली पड़ी जमीन में दफना दिया था. 

मोबाइल की लोकेशन से खुला हत्या का राज 

इस मामले में सतना के सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश यतींद्र कुमार गुरु की अदालत में सुनवाई शुरू हुई. पीड़ित परिवार की तरफ से सहायक अभियोजन अधिकारी बृजेन्द्र नाथ शर्मा ने साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत किए. मामले में भानू का मोबाइल और दुपट्‌टा अहम सबूत बने. 

इन्हीं के कारण उसे सजा मिल सकी. भानू का मोबाइल आरोपी डॉक्टर ही ऑपरेट कर रहा था. वह उसकी बहन को मैसेज भी करता था. लिहाजा, उसके और भानू के मोबाइल की लोकेशन एक ही साथ मिली. सीडीआर में ये झूठ पकड़ा गया. इस हत्या की कहानी बॉलीवुड फिल्म दृश्यम से काफी हद तक मिलती जुलती है. 

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मृतका के परिजन बोले- आरोपी को फांसी की साजा हो

आरोपी डॉक्टर को उम्रकैद के बाद भानू के परिजनों का कहना है उसे फांसी होनी चाहिए. वह दिन रात अपनी बेटी याद कर परेशान हो जाते हैं. डॉक्टर ने खुद को बचाने के लिए कुत्ते की लाश के साथ उनकी बेटी को दफनाया था. 

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