मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को जेल के पूर्व डीआईजी उमेश कुमार गांधी के खिलाफ अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये की संपत्तियां अटैच की हैं.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अस्थायी आदेश जारी करते हुए यह कार्रवाई की. जब्त संपत्तियों में उमेश कुमार गांधी, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के नाम पर पाई गईं अचल और चल संपत्तियां शामिल हैं.
यह मामला धन शोधन का है, जो मध्य प्रदेश लोकायुक्त द्वारा दर्ज प्राथमिकी और दो आरोप पत्रों पर आधारित है. गांधी, उनकी पत्नी अर्चना गांधी और सिहोर जिला जेल के पूर्व गार्ड अजय कुमार गांधी पर 5.13 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.
ईडी ने बताया कि कुल 4.68 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की गई हैं, इसमें 20 अचल संपत्तियां शामिल हैं, जो मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों - सागर, कटनी, सिहोर, भोपाल और इंदौर में स्थित हैं. इसके अतिरिक्त, बैंक बैलेंस, आभूषण, बीमा पॉलिसियां, म्यूचुअल फंड और किसान विकास पत्र जैसी चल संपत्तियां भी जब्त की गई हैं.
लोकायुक्त की जांच से शुरू हुई कार्रवाई
लोकायुक्त द्वारा दायर चार्जशीट में आरोप लगाया गया कि उमेश कुमार गांधी और उनके सहयोगियों ने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की. लोकायुक्त की जांच में सामने आया कि गांधी और उनके परिवार ने अपनी वैध आय से 192% अधिक संपत्ति अर्जित की.
ईडी ने जांच के दौरान पाया कि आरोपियों ने अपने आय स्रोत को छिपाने के लिए कई संपत्तियां बेनामी नामों पर खरीदीं. संपत्ति और धन को विभिन्न माध्यमों से वैध दिखाने की कोशिश की गई, जो धन शोधन अधिनियम के तहत अपराध है. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है. एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या अन्य संपत्तियां या धनराशि इस मामले से जुड़ी हो सकती हैं.