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दो मौतों की वजह बना हाथी पकड़ा गया, बांधवगढ़ में मरने वाले 10 हाथियों के झुंड का नहीं

MP News: प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) वीकेएन अंबाडे के आदेश पर हाथी को पकड़ लिया गया. उन्होंने बताया कि पकड़ने से पहले हाथी को बेहोश किया गया था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (Image Source: META AI)
प्रतीकात्मक तस्वीर (Image Source: META AI)

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में उस हाथी को पकड़ लिया, जिसने पिछले दिन 2 लोगों को मार डाला था और एक अन्य व्यक्ति को घायल कर दिया था. हाथी की तलाश में वन अमले को खासी मशक्कत करनी पड़ी, तब सफलता मिल पाई. इससे पहले यह आशंका जताई गई थी कि लोगों की मौत तीन हाथियों के कारण हुई है, जबकि शाम तक स्पष्ट हो गया था कि हाथी सिर्फ एक ही था. 

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रिजर्व के डिप्टी डायरेक्ट प्रकाश वर्मा ने एक न्यूज एजेंसी से कहा, पदचिह्नों पर नजर रखने के बाद हमने हाथी को पकड़ लिया. वयस्क अवस्था में प्रवेश कर चुका हाथी लगभग 20 वर्ष का है. हाथी उस झुंड के बचे हुए तीन हाथियों में से नहीं है, जिसने अपने 10 सदस्यों को इस सप्ताह खो दिया. 

पता हो कि अभयारण्य के खलील रेंज के तहत सांखनी और बकेली में 29 अक्टूबर को चार जंगली हाथी मृत पाए गए थे, जबकि 30 अक्टूबर को चार और 31 अक्टूबर को दो अन्य हाथियों की मौत हो गई थी. 10 हाथियों की मौत किसी जहरीले पदार्थ को खाने से हुई थी.

वन अधिकारी ने बताया कि अभयारण्य के पास के गांवों के निवासियों ने दावा किया था कि जहरीला पदार्थ खाने से मरने वाले झुंड के बचे हुए तीन हाथियों ने हमला किया था. इसके बाद वन विभाग ने हमलावर हाथी का पता लगाने और पकड़ने से पहले उसका पीछा किया, निगरानी की और उसके पैरों के निशान देखे. पता चला कि यह हाथी दूसरे झुंड का है और टेस्टॉस्टेरॉन लेवल बढ़ जाने पर उन्मादी हो गया है. इस हाथी ने पहले कुछ जगहों पर हमला करके आक्रामकता का प्रदर्शन किया था, लेकिन इंसानों पर हमला नहीं किया था.

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डिप्टी डायरेक्ट वर्मा ने कहा कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) वीकेएन अंबाडे के आदेश पर हाथी को पकड़ लिया गया. उन्होंने बताया कि पकड़ने से पहले हाथी को बेहोश किया गया था.

बता दें कि मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य से लगभग 10 किलोमीटर दूर देवरा गांव में हाथी ने नित्य कर्म के लिए घर से बाहर गए रामरतन यादव (50) को मार डाला था. इसके बाद इस हाथी ने संरक्षित जंगल के बफर जोन में ब्राहे गांव में भैरव कोल (35) को मार डाला और फिर अभयारण्य के ठीक बाहर बांका में मालू साहू (32) पर हमला करके उसे घायल कर दिया.

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