करीब 70 साल बाद देश में चीतों की वापसी होने के बाद उन्हें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा गया था जहां अब वो पूरी तरह ढल चुके हैं. रफ्तार के सौदागर कहे जाने वाले 8 नामीबियाई चीते अपने नए घर श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में आराम से चहमकदमी करते हैं जिसे देखने के लिए लोग बेताब रहते हैं.
छोटे बाड़ों से बड़े बाड़े में छोड़े गए इन सभी 8 चीतों ने भारतीय मौसम के हिसाब से खुद को ढाल लिया है. इन 8 चीतों में सबसे ज्यादा चर्चा नर चीतों में दो जुड़वा भाइयों एल्टन और फ्रेडी की होती है.
दो जुड़वा भाइयों एल्टन और फ्रेडी
एल्टन और फ्रेडी बड़े बाड़े के एक ही कंपार्टमेंट में रहते हैं. नामीबिया से आने के बाद सबसे पहले इन्हीं दो भाइयों को बड़े बाड़े में छोड़ा गया था. इसके बाद से दोनों अपने बाड़े में मस्त हैं.
पहली बार दोनों की एक साथ तस्वीर भी सामने आई है जिसमें एल्टन और फ्रेडी एक साथ बैठे हुए हैं. वन विभाग के अधिकारी ने इनकी तस्वीर क्लिक की है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.
सीएम शिवराज ने जताई खुशी
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर एपीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ शुभरंजन सेन ने खींची है. यह तस्वीर पिछले महीने की है. अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि कूनो के जुड़वा भाई, एल्टन और फ्रेडी. दोनों की यह तस्वीर बेहद ही खूबसूरत है. कूनो से पहली बार इतनी खूबसूरत तस्वीर सामने आई है जिसे देखकर लगा रहा है कि कूनो में नामीबिया से आए चीते पूरी तरह रम गए हैं.
साथ शिकार करते हैं दोनों भाई
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि जब दोनों जुड़वा भाई नामीबिया कूनो लाए गए थे, तब थका हुआ महसूस कर रहे थे. बाड़े में छोड़े जाने के बाद यहां के माहौल में ढल गए हैं. वह बाड़े में अच्छे से शिकार कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एल्टन और फ्रेडी साथ में ही शिकार करते हैं और सबसे पहले कूनो में इन्हीं दोनों ने पहला शिकार भी किया था.
वन्यप्राणी विशेषज्ञों के मुताबिक इन चीतों का नामकरण मशहूर म्यूजिशियन जोड़ी एल्टन जॉन और फ्रेडी मर्करी के नाम पर रखा गया है. बता दे कि पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो पार्क के बाड़ों में छोड़ा था.
अफ्रीका से आएंगे और 12 चीते
इनमें से तीन नर और पांच मादा हैं. सभी चीतों को चरणबद्ध तरीके से छोटे बाड़े से बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है जहां सभी चीते खुद से शिकार कर रहे हैं. अब फरवरी महीने में इन्हें खुले जंगल में छोड़े जाने की संभावना है, जिसके बाद चीतों के दीदार का इंतजार भी खत्म हो जाएगा. अब दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों नए चीतों को लाने की तैयारियां भी चल रही है.