नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए जाने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में बीजेपी की बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश करार दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नेहरू-गांधी परिवार का बचाव करते हुए कहा कि यह परिवार देश के लिए समर्पित रहा है और इस पर कभी भ्रष्टाचार का आरोप सिद्ध नहीं हुआ.
दिग्विजय सिंह ने कहा, "नेहरू-गांधी परिवार ने 1930 से लेकर आज तक अपनी संपत्ति देश को समर्पित की है. इस परिवार ने कभी स्वार्थ के लिए संपत्ति अर्जित नहीं की, न ही उन पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप सिद्ध हुआ है. नेशनल हेराल्ड मामले में भी परिवार ने एक रुपया भी अपने निजी उपयोग के लिए खर्च नहीं किया."
उन्होंने बीजेपी और RSS पर सरकारी एजेंसियों को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और इसकी कड़ी निंदा की.
ईडी ने 9 अप्रैल 2025 को धन शोधन के आरोप में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यह विपक्ष को कमजोर करने की साजिश है.
नेशनल हेराल्ड मामला लंबे समय से चर्चा में है. यह मामला अखबार से जुड़ी कंपनी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की हिस्सेदारी है. ईडी की कार्रवाई के बाद इस मामले ने फिर से राजनीतिक तूल पकड़ लिया है.