मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण, शहरी और अंतर-नगरीय परिवहन व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा. इसके लिए 'मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा' शुरू की जाएगी. इस योजना का प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी प्राप्त हो चुकी है.
CM यादव ने कहा, "प्रदेश में परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ग्रामीण और विशेष रूप से जनजातीय क्षेत्रों में सुगम यात्री परिवहन सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी. भावी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इस योजना पर गहन अध्ययन किया जाए, ताकि यात्रियों को अधिकतम लाभ मिले."
परिवहन सचिव मनीष सिंह ने बताया कि नई योजना में यात्री बसों के संचालन की त्रि-स्तरीय निगरानी होगी. इसके लिए राज्य स्तर पर एक होल्डिंग कंपनी गठित की जाएगी. सात प्रमुख संभागों—भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और रीवा—में क्षेत्रीय सहायक कंपनियां स्थापित होंगी. साथ ही, सभी जिलों में जिला स्तरीय यात्री परिवहन समितियां बनाई जाएंगी. ये इकाइयां परिवहन सुधार, किराया निर्धारण, रूट चार्ट तैयार करने और यात्रियों को लाभ पहुंचाने के लिए समन्वय व मार्गदर्शन करेंगी.
उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय सहायक कंपनियों के लिए आय के स्रोत बनाने के विशेष प्रावधान होंगे. योजना में अनुबंधित बसों को प्राथमिकता से परमिट दिए जाएंगे, जिन पर सरकार का प्रभावी नियंत्रण रहेगा. यात्रियों और बस ऑपरेटरों के लिए एक ऐप, साथ ही मॉनिटरिंग के लिए डैशबोर्ड भी तैयार होगा. सात संभागों में बसों की जरूरत का सर्वे चल रहा है, जिसके परिणाम जल्द आएंगे. सर्वे के आधार पर योजना का क्रियान्वयन आगे बढ़ेगा.
विभाग के सचिव ने कहा, "इस योजना से यात्रियों को सबसे अधिक लाभ होगा. बस ऑपरेटरों के लिए बेहतर माहौल और निरंतर व्यवसाय का प्रावधान भी किया गया है, ताकि उनकी सेवाएं बाधित न हों और यात्रियों को असुविधा न हो."