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MBBS स्टूडेंट शिवरंजनी बोलीं- बालाजी सरकार मुझे धीरेंद्र शास्त्री से जरूर मिलवा देंगे

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपना 'प्राणनाथ' मान चुकी MBBS स्टूडेंट शिवरंजनी तिवारी 14 जून को छतरपुर पहुंच गई. वह 16 जून को बागेश्वर धाम के भोलेनाथ को जल अर्पित करेगी. बागेश्वर धाम के छतरपुर में प्रवेश करने के दौरान शिवरंजनी तिवारी ने 'आजतक' से बात करते हुए कई सवालों के जवाब दिए और प्राणनाथ वाले शब्द का अर्थ भी बताया.

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धीरेंद्र शास्त्री और शिवरंजनी तिवारी. (फाइल फोटो)
धीरेंद्र शास्त्री और शिवरंजनी तिवारी. (फाइल फोटो)

बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपना 'प्राणनाथ' मान चुकी MBBS स्टूडेंट शिवरंजनी तिवारी 14 जून को छतरपुर पहुंच गई. वह गंगोत्री धाम से सिर पर कलश रखकर करीब 1,300 किलोमीटर की यात्रा करते हुए बागेश्वर धाम जा रही है. उत्तर प्रदेश के महोबा जिले और मध्यप्रदेश कि सीमा छतरपुर की बॉर्डर पर शिवरंजनी का धार्मिक लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. 

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अब उनकी कलश यात्रा बागेश्वर धाम के समीप पहुंचने वाली है. वह 16 जून को बागेश्वर धाम के भोलेनाथ को जल अर्पित करेंगी. फिर मन में प्रण लिए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात के लिए बालाजी के समक्ष विनती करेंगी. बागेश्वर धाम के छतरपुर में प्रवेश करने के दौरान शिवरंजनी तिवारी ने 'आजतक' से बात करते हुए कई सवालों के जवाब दिए और प्राणनाथ शब्द का अर्थ भी बता दिया. शिवरंजनी का कहना था कि प्राणनाथ का मतलब धीरेंद्र शास्त्री खुद समझते हैं.

शादी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब धीरेंद्र शास्त्री महाराज ही देंगे. मैं तो अपना संकल्प लेकर चली हूं. मुझे उम्मीद है कि मेरी मुराद भी पूरी होगी क्योंकि मेरे साथ भी बालाजी सरकार हैं.

'आजतक' के सवालों के शिवरंजनी तिवारी ने दिए जवाब...

सवाल- बागेश्वर धाम के महाराज को क्यों कहा प्राणनाथ?

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जवाब- मैं प्राणनाथ इसलिए कहती हूं, क्योंकि वह हर किसी के प्राणों के नाथ हैं. सबके मन की बात जान लेते हैं. उनके सामने शब्दों की जरूरत नहीं है. किसी को कुछ बोलने की जरूरत भी नहीं है. किसी के मन की बात कोई भी छूटी न रह सके और सब कुछ जान ले, तो वह प्राणों का नाथ नहीं होगा तो और कौन होगा?

सवाल- आपके प्राणनाथ कहने का अर्थ क्या है?

जवाब- आप जो चाहें, वह बता दे. लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा.

सवाल- एमबीबीएस की स्टूडेंट और पिता के कारोबार पर क्या कहना है आपका?

जवाब- मेरे पिताजी बाइक कंपनी में जीएम थे. उन्होंने करीब 5 साल पहले जॉब छोड़ दी थी. मेरा एमबीबीएस अभी कंप्लीट नहीं हुआ है. बाकी फैमिली की डिटेल मैं सीक्रेट रखना चाहती हूं.

सवाल- एमबीबीएस की स्टूडेंट अचानक भगवा में नजर आ रही है, यह सब क्या है?

जवाब- देखिए, यह बिल्कुल नया नहीं है. मेरे बचपन से ही मेरे घर में परम पूज्य जगतगुरु श्री शंकराचार्य स्वरूपानंद जी महाराज की बहुत बड़ी कृपा रही है. हमारे परिवार पर उन्हीं के कारण सभी लोग धर्म से जुड़े हुए हैं. बचपन से ही भागवत कथा, राम कथा जैसे धार्मिक कार्यों में एक्टिव रही हूं. मेरे लिए यह भगवा रंग के कपड़े नए नहीं हैं.

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सवाल- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात के लिए किसी से कोई बातचीत हुई क्या आपकी?

जवाब- मेरी किसी से कोई बात नहीं हुई है. मुझे विश्वास है कि बालाजी सरकार मुझे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जरूर मिलवा देंगे. हालांकि, बता रहे हैं कि उनका एकांतवास का समय है. देखते हैं मुलाकात होती है या नहीं. हमें अपने बालाजी पर विश्वास है.

सवाल- अगर अर्जी नहीं सुनी गई, तो क्या आप दरबार में अपनी बात रखेंगी?

जवाब- अर्जी न होने का तो सवाल ही नहीं होता. मैंने अपना पर्चा 1 तारीख को गंगा कलश उठाने के दौरान बनवा लिया था. बालाजी सरकार पर विश्वास है. मन्नत तो पूरी होगी ही.

सवाल- 15 जून से अज्ञातवास पर जा रहे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के लिए क्या आप कोई संदेश देना चाहती हैं?

जवाब- 'आजतक' वाले आप ही मेरा यह संदेश पहुंचा दीजिए कि मैं बागेश्वर धाम आ रही हूं.

सवाल- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से शादी को लेकर क्या कहेंगी आप? 

जवाब- पहले उनके दर्शन तो हो जाएं. उसके बाद देखते हैं क्या होता है. बाकी 110 परसेंट मुझे उम्मीद है कि उनके दर्शन भी होंगे और मुराद भी पूरी होगी.

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