MP News: मध्य प्रदेश के गुना में 27 दिसंबर को हुए भीषण सड़क हादसे ने कई सवाल पीछे छोड़ दिए हैं. हादसे को लेकर बनाई गई जांच समिति ने सभी पहलुओं पर बारीकी से जांच करते हुए रिपोर्ट तैयार कर ली है. अपर कलेक्टर मुकेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में तैयार की गई रिपोर्ट का फिलहाल खुलासा नहीं हो पाया है. जांच समिति ने घटनाथल पर पहुंचकर हादसे का खाका तैयार किया है.
aajtak की टीम ने भी ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर हालातों का जायज़ा लिया तो चौंकाने वाली बात सामने निकलकर आई है. दरअसल, जिस 'सेमरी घाटी' पर बस हादसा हुआ, उससे लगभग 100 मीटर की दूरी पर यू-टर्न जैसा अंधा मोड़ है. इस मोड़ से गुजरते वक्त अक्सर वाहनों के सामने भ्रमजाल बन जाता है. वाहन चालक सामने से आने वाले वाहनों को ठीक से नहीं देख पाते. स्टेट हाइवे की रोड का डिजाइन कुछ इस तरह का है कि वाहनों को दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है. सेमरी घाटी पर ढलान भी है और चढ़ाई भी है, जिससे वाहनों की गति भी अनियंत्रित हो जाती है.
सेमरी घाटी के इस इलाके में सड़क निर्माण एजेंसी की ओर से कोई ग्लो शाइन बोर्ड या सूचना बोर्ड भी नहीं लगाया गया है, जिसे देखकर वाहन चालक सावधान हो पाएं. सेमरी घाटी के इस मोड़ को यदि सुधार दिया जाए तो शायद हादसों में कमी आ पाएगी.
सिकरवार ट्रेवल्स नाम की जिस यात्री बस से हादसा हुआ, उसका इतिहास भी विवादित रहा है. साल 2020 में इसी बस ने घटनास्थल से 1 किमी पहले भी एक्सीडेंट किया था. बस सड़क किनारे बने एक मकान में घुस गई थी. जिससे मकान मालिक को 40-50 हजार रुपए का नुकसान हो गया था. मकान मालिक जितेंद्र शर्मा को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. लेकिन बस मालिक द्वारा घटना के बाद पीड़ित पक्ष को कोई भी मुआवजा नहीं दिया गया.
हाल ही में सेमरी घाटी पर हुए बस हादसे में 13 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो चुकी है. वहीं, 17 यात्री घायल हैं. मृतकों की पहचान के लिए DNA रिपोर्ट का इंतज़ार है. सिकरवार ट्रेवल्स के मालिक फिलहाल फरार हैं. प्रशासन ने सिकरवार ट्रेवल्स की 6 बसों को जब्त किया है, जिनके परमिट और फिटनेस समाप्त हो चुके हैं.
गुना जिले में बुधवार रात बस और डंपर की टक्कर में 13 लोगों की जलकर मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए. उधर, गुना जिले में हुई बस दुर्घटना में 13 लोगों की मौत को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने निर्देश दिए और शासन ने राज्य परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा, जिला कलेक्टर तरुण राठी और पुलिस अधीक्षक विजय खत्री के तबादले के कर दिए.
प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह से परिवहन विभाग का प्रभार लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजेश राजौरा को दे दिया गया. यही नहीं, लापरवाही के आरोप में गुना के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रवि बरेलिया और मुख्य नगर अधिकारी वी डी कतरोलिया को सस्पेंड कर दिया.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला कलेक्टर ने घटना की जांच करने के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति को विभिन्न मुद्दों पर तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या दोनों वाहनों के पास सभी कानूनी अनुमतियां थीं और बस में आग कैसे लगी?