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ठगों को पकड़ने वाले इंस्पेक्टर खुद ही हो गए ठगी का शिकार, जमीन गिरवी रख दे दिए साढ़े 11 लाख रुपये

ग्वालियर के थाटीपुर में रिटायर्ड इंस्पेक्टर से लाखों की ठगी हो गई. यह ठगी उनके ही किराएदार ने एक अन्य शख्स के साथ मिलकर की. पहले जमीन गिरवी रखवाकर इंस्पेक्टर से साढ़े 11 लाख रुपये उधार ले लिए. फिर बाद में उन्हीं दो धमकाने लगे. पीड़ित इंस्पेक्टर ने थाने में FIR दर्ज करवाई है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक ऐसा मामला आया है जहां खुद रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर ही ठगी का शिकार हो गए. यही नहीं, जमीन के नाम पर हुई इस ठगी के मामले में अब रिटायर्ड इंस्पेक्टर के परिवार को जान का खतरा भी सता रहा है. इसलिए उन्होंने थाटीपुर थाने पहुंचकर ठगी करने और धमकी देने वालों के खिलाफ FIR भी दर्ज करवाई है.

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मामला थाटीपुर थाना इलाके के सारिका नगर का है. यहां आसाराम गौतम अपने परिवार के साथ रहते हैं. आसाराम हाल ही में पुलिस सेवा से इंस्पेक्टर के पद से रिटायर्ड हुए हैं. एक समय था जब आसाराम बदमाशों और ठगों को पकड़ने का काम करते थे. लेकिन जमीन खरीद फरोख्त के झांसे में आकर रिटायर्ड इंस्पेक्टर साहब खुद ही ठगी का शिकार हो गए.

बात साल 2022 की है जब आसाराम गौतम के मकान में रामसेवक नाम का किराएदार रहने के लिए आया. रामसेवक ने आसाराम को बताया कि उसका एक दोस्त ताराचंद है जिसकी दौरार गांव में 6 बीघा जमीन है और वह इस जमीन को गिरवी रखकर पैसे उधार मांग रहा है. अगर समय पर जमीन वापस नहीं दे सका तो फिर जमीन भी आपकी हो जाएगी. इसके लिए बाकायदा एग्रीमेंट भी कर सकते हैं.

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7 लाख 82 हजार रुपये दिए

आसाराम किराएदार रामसेवक की बातों में आ गए और उन्होंने जमीन का एग्रीमेंट करके 7 लाख 82 हजार रुपए ताराचंद को दे दिए. एग्रीमेंट की समय सीमा जब पूरी होने को आई तो आसाराम ने एक बार फिर से रामसेवक को एग्रीमेंट की बात याद दिलाई. इसके बाद रामसेवक ने कहा कि एग्रीमेंट की समय सीमा बढ़वा लेते हैं. रामसेवक के कहे अनुसार आसाराम समय सीमा बढ़वाने के लिए तैयार हो गए. समय सीमा बढ़वाने के लिए दोनों पक्ष न्यायालय परिसर पहुंचे और स्टांप भी खरीद लिए गए, लेकिन फिर एग्रीमेंट किए बिना ही रामसेवक और ताराचंद्र वापस लौट गए.

ऐसे समझ आया कि हो गई ठगी

ऐसा होते देख आसाराम समझ गए कि रामसेवक और ताराचंद की नीयत ठीक नहीं है. लेकिन फिर भी वे रामसेवक और ताराचंद के संपर्क में बनी रहे. इसी दौरान रामसेवक और उसकी पत्नी मीना ने आसाराम को बताया कि जमीन की रजिस्ट्री उनके नाम करवा देते हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें 3.80 लाख रुपए देने होंगे. आसाराम इस बात पर भी तैयार हो गए और उन्होंने तीन लाख 80 हजार रुपए भी दे दिए. बावजूद इसके जमीन की रजिस्ट्री आसाराम के नाम नहीं हुई.

थाने में दर्ज करवाया मामला

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जब आसाराम ने अपनी रकम वापस मांगी तो उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने लगी. जिंदगी भर रसूख में रहने वाले आसाराम धमकियों से भयभीत हो गए और सीधा थाटीपुर थाने पहुंचे. यहां आसाराम ने अपनी आप बीती पुलिस को सुनाई. आसाराम गौतम की शिकायत पर से थाटीपुर थाना पुलिस ने ताराचंद, रामसेवक और रामसेवक की पत्नी मीना के खिलाफ धारा 420 406 294 506 और 34 के तहत FIR दर्ज कर ली है. मामले में जांच जारी है.

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