एच3एन2 (H3N2) इन्फ्लूएंजा के केस अब देश के कई हिस्सों में मिलने लगे हैं. लिहाजा मध्य प्रदेश में H3N2 वायरस का पहला मामला सामने आया है, राजधानी भोपाल में एक युवक में इस वायरस की पुष्टि हुई है.
भोपाल के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि एक मरीज में एच3एन2 वायरस की पुष्टि हुई है. मरीज की उम्र 20 से 25 साल के बीच है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मरीज को खांसी और जुकाम की शिकायत थी, जिसके बाद उनके सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे गए थे. रिपोर्ट में सामने आया कि मरीज H3N2 का शिकार है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक भोपाल के बैरागढ़ इलाके के रहने वाला मरीज अभी किसी भी अस्पताल में भर्ती नहीं है. उसका फिलहाल घर पर ही इलाज चल रहा है. इतना ही नहीं, उसकी सेहत में भी पहले की अपेक्षा अब सुधार है.
इन्फ्लूएंजा वायरस 4 प्रकार के होते हैं - A, B, C और D. एच3एन2 इन्फ्लुएंजा A वायरस का एक सब-टाइप है.
H3N2 के केस कहां मिले और कितनी मौतें?
देश के कई राज्यों में एच3एन2 वायरस के केस मिल चुके हैं. इसमें हरियाणा, कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र समेत दूसरे राज्य शामिल हैं. इससे पहले महाराष्ट्र के अहमदनगर में H3N2 वायरस की वजह से एक युवक की मौत हो गई है. युवक की कोविड रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में उसकी H3N2 रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई. वहीं, हरियाणा के यमुनानगर में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के 5 संदिग्ध केस मिले हैं. वहीं, गुजरात के वडोदरा में भी एक महिला की इस वायरस की चपेट में आने से मौत हो चुकी है. महिला की उम्र 58 साल थी और वह वडोदरा के SSG अस्पताल में भर्ती थीं.
वहीं, कर्नाटक के हासन में एक व्यक्ति की H3N2 वायरस से मौत की पुष्टि हुई थी. मृतक मरीज की पहचान एच गौड़ा के तौर पर हुई थी. वे 82 साल के थे. उन्हें 24 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 1 मार्च को उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद उनके सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे गए थे. 6 मार्च को आईए रिपोर्ट में H3N2 की पुष्टि हुई थी.
H3N2 के लक्षण
- नाक से पानी आना
- तेज बुखार
- लगातार खांसी (पहले गीली फिर सूखी)
- छाती में रक्त संचय
उपचार और रोकथाम क्या?
ICMR ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को इस इन्फ्लूएंजा के प्रकोप में एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से बचने के लिए कहा है. आईसीएमआर ने बुखार और बदन दर्द की स्थिति में पैरासिटामोल के इस्तेमाल की सलाह दी है. डॉ. गुलेरिया ने कहा कि वायरस को पकड़ने से रोकने का तरीका भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना और शारीरिक दूरी बनाना है.
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