उज्जैन के महाकाल लोक में स्थित नंदी द्वार का कलश शुक्रवार को अचानक टूटकर नीचे गिर गया. चार दिन पहले ही तेज आंधी से महाकाल लोक में स्थित सप्तऋषियों की 6 मूर्तियां खंडित हो गई थीं. इसको लेकर कांग्रेस ने निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. साथ ही इसकी जांच करने की मांग की है.
दरअसल, पिछले साल अक्टूबर में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक कॉरिडोर परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया था. इस परियोजना की कुल लागत 856 करोड़ रुपये हैं. इसमें पहले चरण में 351 करोड़ रुपये का काम पूरा हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर 'महाकाल लोक' का लोकार्पण किया था. इसके बाद देश-विदेश से लगातार श्रद्धालु महाकाल लोक को निहारने पहुंच रहे हैं.
सप्तऋषियों की मूर्तियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ
27 मई रविवार शाम अचानक आई तेज आंधी से महाकाल लोक में बनी सप्तऋषियों की मूर्तियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. इनमें से कई मूर्तियां जमीन पर गिर गईं, तो कई मूर्तियों के हाथ और सिर टूट गए.
बता दें कि 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी हैं. इन पर गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की है.
भाजपा का भ्रष्टाचार सामने दिख रहा है- नेता प्रतिपक्ष
मामले में नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि भाजपा के भ्रष्टाचार के आंकड़े सामने दिख रहे हैं. मूर्तियां गिर रही हैं, कंगूरे के निर्माण गिर रहे हैं. हम सभी लोग अपनी जेब से पैसा खर्च करके मंदिरों में दान करने का काम करते हैं. इसलिए कहते हैं कि भगवान का आशीर्वाद हमें मिलेगा.
श्रद्धालु भगवान से आशीर्वाद लेने आ रहे हैं. मगर, मंदिर समिति, स्मार्ट सिटी और मध्य प्रदेश सरकार सभी मिलकर भ्रष्टाचार कर रही है. जितनी भी दान से प्राप्त राशि है, उनको केवल भ्रष्टाचार के काम में लगा रहे हैं. वह भ्रष्टाचार आज पत्थर के रूप में गिर रहा है.
मूर्तियां गिर रही है. मूर्तियों ने अपने स्थान छोड़ दिए हैं. निश्चित रूप से यह भ्रष्टाचार का प्रतीक है. वर्ना 7 महीने में कोई निर्माण कार्य टूट सकता है क्या? आज भी पत्थर गिरा है. यदि जल्दी महाकाल लोक को बंद नहीं किया गया, तो एक-एक कंगूरा भी गिरेगा, तो 1000 लोग मरेंगे.