MP News: इंदौर के एक बालिका आश्रम में रहने वाली मूकबधिर और मानसिक-शारीरिक रूप से कमजोर किशोरी के रेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जैसे ही पुलिस को पूरे मामले की जानकारी लगी तो पूरे मामले की जांच पड़ताल करने में जुट गई. लेकिन फिलहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
विजय नगर थाने के प्रभारी रविंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि गरीब परिवार की बच्ची को माता-पिता ने देखभाल के निजी संस्था में भेज दिया था. नाबालिग करीब 4 साल से इस संस्था में रह रही थी. लेकिन पिछले दिनों उसकी तबीयत खराब हो जाने के चलते संस्था ने किशोरी को परिजनों के सुपुर्द कर दिया था. इसके बाद वह कुछ दिनों तक अपने घर पर रही थी. लेकिन ठीक होने के बाद घरवाले बच्ची को वापस संस्था में ही छोड़कर चले गए. लेकिन इसी दौरान वापस उसकी तबीयत बिगड़ गई.
संस्था के प्रबंधक ने पूरे मामले की जानकारी परिजनों को दी. बच्ची को परिजन पहले एक निजी हॉस्पिटल में लेकर गए और वहां पर उसकी जांच पड़ताल की गई. डॉक्टर्स के मुताबिक, नाबालिग बच्ची 6 महीने की गर्भवती है.
इसके बाद परिजनों ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई. पुलिस ने शुरुआती जांच में पाया कि किशोरी मूकबधिर होने के साथ ही मानसिक और शारीरिक रूप से भी दिव्यांग है. जिसके चलते पुलिस ने साइन लैंग्वेज की विशेषज्ञ को भी उससे पूछताछ के लिए बुलाया गया.
साइन लैंग्वेज के विशेषज्ञ को जिस तरह से मूकबधिर बच्ची ने विभिन्न तरह की जानकारी दी, उसी आधार पर पुलिस ने फिलहाल अज्ञात के ऊपर प्रकरण दर्ज कर पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. किशोरी के साथ घिनौनी हरकत कहां पर घटित हुई? इसके बारे में पुलिस काफी बारीकी से जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है.
पुलिस ने अब गर्भवती किशोरी का गर्भपात कराने के लिए अदालत में गुहार लगाई है ताकि डीएनए रिपोर्ट गर्भपात के बाद हो सके और आरोपी तक पुलिस पहुंच सके. पुलिस अब अनुभूति सेवा संस्थान में आने वालों की जानकारी जुटा रही है. दिव्यांग पीड़िता को पुलिस ने चाइल्ड केयर की निगरानी में एक एनजीओ में रखवा दिया है. वहीं, मूकबधिर सेवा संस्थान के सदस्य बच्ची से बातचीत कर घिनौने अपराध की जानकारी जुटाने में लगे हैं.