समाज में सोशल मीडिया के दुष्परिणामों के साथ-साथ कभी-कभी सोशल मीडिया किसी परिवार के लिए वरदान साबित होता है. ऐसा ही एक मामला 15 साल के रोहित के साथ हुआ. 7 साल की उम्र में लापता हुआ रोहित अब अपने परिजनों के पास पहुंच चुका है.
खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर भीकनगांव थाना इलाके का यह मामला है. वर्ष 2016 यानी 8 साल पहले फरवरी माह में 7 वर्षीय रोहित डावर अपने घर से 3 किमी दूर स्थित सेंट मैरिज स्कूल गया था. रोहित शाम तक स्कूल से घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसे दोस्तों के घर और फिर रिश्तेदारों के यहां और आसपास के गांवों में तलाशा. परेशान होकर माता-पिता ने भीकनगांव में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी.
थाना प्रभारी मीना कर्णावत ने बताया, फरवरी 2016 में सेंट मैरिज स्कूल से रोहित पिता लालसिंह गुम हो गया था. अब इंस्टाग्राम के जरिए 8 साल बाद अपने परिवार से मिला.
रोहित गुम होने के बाद रेल के माध्यम से आगरा रेलवे स्टेशन पहुंचा, वहां पर उसने नाश्ता किया और लोगों से काम मांगा. इसी दौरान रेलवे स्टेशन पर मासूम रोहित अशोक नामक व्यक्ति से मिला. उत्तर प्रदेश के उन्नाव का रहने वाला अशोक मासूम रोहित को अपने साथ गांव ले गया.
जहां पर रोहित करीब 5 साल तक रहा. उसके बाद अशोक ने अपने रिश्तेदारों के माध्यम से रोहित को काम करने के लिए लुधियाना पहुंचा दिया.
25 दिसंबर 2023 को रोहित इंस्टाग्राम चला रहा था. जहां पर रोहित ने अपने भाई की फोटो देखी. जब अपने भाई की प्रोफाइल सर्च की तो वहां पर अपने परिवार की फोटो देखी.
फोटो देखने के बाद रोहित ने अपने भाई से चैट के जरिए मोबाइल मांगा और फिर माता पिता से बात की. इसके बाद रोहित बीते 3 जनवरी को लुधियाना से अपने घर छेण्डिया पहुंचा.
माता पिता रोहित को लेकर को भीकनगांव थाने पहुंचे. कागजी कार्रवाई कर पुलिस ने रोहित को माता-पिता के हवाले कर दिया. माता-पिता को देख भावुक हुए रोहित ने मीडिया के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.