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दिल्ली में तैनात IRS अफसर की पत्नी को मिला BJP से टिकट, दिग्विजय के भाई के खिलाफ लड़ेंगी चुनावी जंग!

MP Vidhan Sabha Chunav 2023: बीजेपी उम्मीदवार बनाई गईं प्रियंका मीणा के पति प्रद्युमन सिंह मीणा IRS अधिकारी हैं और वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में पदस्थ हैं. वहीं, प्रियंका की पढ़ाई-लिखाई भी दिल्ली में हुई है. लेकिन शान-ओ-शौकत की जिंदगी छोड़ इस महिला नेता ने गुना जिले के चाचौड़ा में रहकर समाजसेवा का प्रण लिया.

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IRS पति प्रद्युम्न सिंह संग BJP उम्मीदवार प्रियंका मीणा.
IRS पति प्रद्युम्न सिंह संग BJP उम्मीदवार प्रियंका मीणा.

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 39 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इन सभी सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. इन्हीं में एक गुना जिले की चाचौड़ा विधानसभा सीट भी है. यहां से पार्टी ने दिल्ली में पदस्थ भारतीय राजस्व सेवा (IPS) के अफसर की पत्नी प्रियंका मीणा को टिकट दिया है. 

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प्रियंका मीणा ने 27 फरवरी 2023 को बीजेपी का दामन थामा था. प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन मंत्री हितानंद शर्मा के समक्ष बीजेपी जॉइन की थी. बीजेपी का दामन थामने के बाद से ही प्रियंका क्षेत्र में खासी लोकप्रिय हो गईं. 

प्रियंका अपने नाम के पीछे ससुराल के गांव का नाम (पेंची) लिखती हैं. उनका मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह से होने की संभावना है. बीजेपी ने प्रियंका के चेहरे को तवज्जो देते हुए कांग्रेस को हैरानी में डाल दिया है. पार्टी नया चेहरा उतारकर प्रयोग कर रही है. 

प्रियंका मीणा ने 27 फरवरी 2023 को बीजेपी का दामन थामा था.

बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका के पति प्रद्युम्न सिंह मीणा भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी हैं और वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में पदस्थ हैं.  वहीं, प्रियंका मीणा की पढ़ाई-लिखाई दिल्ली में हुई है. लेकिन शान-ओ-शौकत की जीवनशैली छोड़कर प्रियंका ने गुना जिले के चाचौड़ा में रहकर समाजसेवा का प्रण लिया. 

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प्रियंका चार साल पहले ही ब्याहकर राजस्थान से गुना आई थीं.

राजस्थान से ब्याहकर चाचौड़ा आईं प्रियंका मीणा ने पारंपरिक वेशभूषा पहनकर जनता के बीच सामान्य जीवनशैली जीना शुरू की. उन्होंने जिले की मधुसूदनगढ़ क्षेत्र के वार्ड क्रमांक-18 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था. लेकिन महज 235 वोट से चुनाव हार गईं.  चुनाव हारने के बाद भी लगातार विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहीं. बीजेपी नेत्री प्रियंका इलाके में शिक्षा और महिला सुरक्षा के मुद्दे को लेकर जनता के बीच खासी लोकप्रिय भी हैं.  

प्रियंका मीणा ने पिछले साल जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था.

Aajtak.in से चर्चा में प्रियंका मीणा ने बताया कि पार्टी ने उन्हें टिकिट दिया है. उसके लिए वे पार्टी की हमेशा आभारी रहेंगी. संगठन के साथ मेहनत के बलबूते पार्टी को मजबूत करेंगी और चाचौड़ा सीट को बीजेपी की झोली में डालेंगी. प्रियंका मीणा ने केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत संगठन को धन्यवाद दिया है. 

फिलहाल चाचौड़ा सीट से दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह मौजूदा विधायक हैं. साल 2018 यानी पिछले विधानसभा चुनाव में चाचौड़ा सीट पर बीजेपी  प्रत्याशी ममता मीणा और कांग्रेस के लक्ष्मण सिंह के बीच मुकाबला था, ज‍िसे कांग्रेस नेता द‍िग्‍व‍िजय सिंह के भाई ने 9797 मतों से जीत लिया.

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चाचौड़ा सीट से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह.

गौर करने वाली बात यह है कि 2023 विधानसभा चुनाव के लिए घोषित बीजेपी प्रत्याशी प्रियंका मीणा पिछले साल जिला पंचायत सदस्य का चुनाव ममता मीणा से ही हारी थीं. बीजेपी नेता ममता के पति भी भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी हैं. मतलब चाचौड़ा सीट से बीजेपी का टिकट पाने के लिए बीते दिनों से आईआरएस और आईपीएस की पत्नियों के बीच ही जंग जारी थी. 
 
गौरतलब है कि भाजपा ने 17 अगस्त को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए छत्तीसगढ़ के लिए 21 और मध्य प्रदेश के लिए 39 उम्मीदवारों की सूची जारी की. दोनों ही राज्यों में पांच-पांच महिलाओं को पार्टी ने टिकट दिया. 

मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सबलगढ़ से सरला विजेंद्र रावत, चाचौड़ा से प्रियंका मीना, छतरपुर से ललिता यादव, जबलपुर पूर्व (एससी) से आंचल सोनकर, पेटलावद से निर्मला भूरिया, झाबुआ (एसटी) से भानु भूरिया, भोपाल उत्तर से आलोक शर्मा और भोपाल मध्य से ध्रुव नारायण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है.  

उम्मीदवारों की पहली सूची इतनी जल्दी घोषित करने का पार्टी का निर्णय पांच राज्यों के चुनावों के महत्व को दर्शाता है. बता दें कि छत्तीसगढ़ और एमपी के अलावा, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. बीजेपी सिर्फ मध्य प्रदेश में सत्ता में है और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार को हटाने के लिए सघन अभियान चला रही है.

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विदित हो कि साल 2018 में भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से कांग्रेस की 114 सीटों के मुकाबले 109 सीटें जीती थीं. कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने सूबे में सरकार बनाई. लेकिन साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के साथ ही 15 महीनों की कांग्रेस सरकार गिर गई थी. सिंधिया गुट के 22 कांग्रेस विधायकों ने भी बीजेपी की सदस्यता लेकर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाई. मौजूदा समय में एमपी में बीजेपी विधायकों की संख्या 127 है.  

 

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