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झारखंड सरकार के किस फैसले से नाराज जैन समुदाय, क्यों दे रहा आंदोलन की चेतावनी?

झारखंड सरकार ने जब से भगवान पारसनाथ पर्वत को पर्यटक स्थल घोषित किया है, इसे लेकर जैन समुदाय द्वारा बड़ा मुद्दा बना दिया गया है. इंदौर में भी इस फैसले के विरोध में जैन समुदाय ने सड़क पर उतर प्रदर्शन किया है. जोर देकर कहा है कि अगर इस फैसले को वापस नहीं लिया गया तो पूरे देश में आंदोलन शुरू किया जाएगा.

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सीएम हेमंत सोरेन
सीएम हेमंत सोरेन

झारखंड सरकार ने भगवान पारसनाथ पर्वत को पर्यटक स्थल घोषित कर दिया है. केंद्र ने भी इस फैसले को स्वीकार कर लिया है. लेकिन इस ऐलान के बाद से ही जैन समुदाय आक्रोशित है. जोर देकर कहा जा रहा है कि पर्यटक स्थल घोषित होने के बाद इलाके में होटल खुलेंगे, मांस की दुकानें होगीं और ये सबकुछ उनकी मान्यताओं के सख्त खिलाफ रहेगा. इस वजह से झारखंड सरकार पर इस फैसले को वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के इंदौर में भी जैन समुदाय के लोगों ने बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया और एक देशव्यापी आंदोलन शुरू करने की भी चेतावनी दी.

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असल में इंदौर में हजारों की संख्या में जैन दिगंबर श्वेतांबर समाज के अनुयायियों द्वारा हृदय स्थल राजवाड़े से रीगल तिराहे तक मौन रैली निकाली गई थी. उस रैली में हजारों की संख्या में जैन समाज के लोग शामिल हुए और केंद्र सरकार से अपना निर्णय बदलने की मांग की. वही मांग पूरी नहीं होने पर जैन समाज द्वारा आने वाले दिनों में देशभर में बड़ा प्रदर्शन करने की चेतावनी दी गई.

रैली में शामिल हुए विनय बाकलीवाल ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा जैन दिगंबर श्वेतांबर समाज के पवित्र स्थल भगवान पारसनाथ पर्वत को पर्यटक स्थल घोषित किया गया है जिससे वहां पर होटल खुलेंगे. उस बदलाव से जैन समाज आहत है. जब तक हमारी जान है तब तक हम उसे नहीं छोड़ेंगे. जैन समाज का आंदोलन आज शांतिपूर्वक चल रहा है क्योंकि हमारे जैन समाज के मुनियों ने कहा है कि जो भी हमारी मांगे हैं, उन्हें शांतिपूर्वक तरीके से रखें. ये नहीं भूलना चाहिए कि जैन समाज देश का सिर्फ एक प्रतिशत है, लेकिन वो देश का कुल 24 प्रतिशत टैक्स देता है. यदि यह उग्र हुआ ओर टैक्स देना बंद किया तो देश की अर्थव्यवस्था खराब हो जाएगी.

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