BJP अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किए जाने को लेकर राज्य सरकार पर प्रहार किया. आरोप लगाया कि उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाली सरकार ने यह कदम अलगाववादी ताकतों, पत्थरबाजों और दहशतगर्दों को खुश करने के लिए उठाया है.
निजी यात्रा पर मध्य प्रदेश के इंदौर आए सिद्दीकी ने कहा, सबको मालूम है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 वापस लाने का राज्य सरकार को कोई अधिकार नहीं है, लेकिन उसने (अब्दुल्ला सरकार ने) विशेष रूप से अलगाववादी ताकतों, पत्थरबाजों और बम फोड़ने वाले दहशतगर्दों को खुश करके अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए इस अनुच्छेद की बहाली का प्रस्ताव विधानसभा में पारित कराया है.
सिद्दीकी ने कहा कि सरहदी सूबे में 'लोकतंत्र का गला घोंटने वाले इस कदम' के लिए अब्दुल्ला सरकार की पूरे देश में निंदा की जा रही है. BJP नेता ने कहा कि देश भर के लोग, खासकर जम्मू-कश्मीर के अमनपसंद बाशिंदे इस कदम के लिए अब्दुल्ला सरकार को कभी माफ नहीं करेंगे.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.
सिद्दीकी ने यह भी कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के संसद से पारित होने के बाद वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से 'माफिया' का अवैध कब्जा हटने की राह आसान होगी. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों के वक्त कांग्रेस नेता वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को खुद के नाम करके 'हजम' कर जाते थे, बोर्ड की जमीनें अपने दोस्तों को बांट देते थे और बोर्ड की रकम निजी कामों में लगा देते थे.