मध्य प्रदेश में चुनाव को अब कुछ ही महीने बचे हैं. ऐसे में सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पकड़ रहे पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ एक बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं. हाल ही में उन्होंने बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा का आयोजन किया था. वहीं, अब कमलनाथ मशहूर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा कराने जा रहे हैं.
यह कथा 5 सितंबर से शुरू होकर 9 सितंबर तक चलेगी. पंडित प्रदीप मिश्रा ने इस शिव महापुराण कथा का आमंत्रण स्वीकार करते हुए आने के लिए स्वीकृति दे दी है. बता दें कि हाल ही में कमलनाथ ने 5 अगस्त से 7 अगस्त तक छिंदवाड़ा में धीरेंद्र शास्त्री की कथा का आयोजन करवाया था. इस आयोजन में हजारों की संख्या में लोग जुटे थे. कमलनाथ और उनके परिवार के लोग भी इस कथा में शामिल हुए थे.
कौई कैसे रह सकता है संतों से दूर
धीरेंद्र शास्त्री की कथा को कमलनाथ ने छिंदवाड़ा का सौभाग्य बताया था. उन्होंने कहा था कि जो लोग इस कथा पर सवाल उठा रहे हैं, उनके पेट में दर्द क्यों हो रहा है. उन्होंने कथा से कांग्रेस नेताओं की दूरी को गलत बताते हुए कहा कि कोई संतों से दूर नहीं रह सकता है.
छिंदवाड़ा की जनता सौभाग्यवान
छिंदवाड़ा में कथा के आयोजन पर कमलनाथ ने कहा था,'बागेश्वर महाराज यहां आए, मैंने उनका स्वागत किया. उन्होंने तय किया कि उनको छिंदवाड़ा आना है. जब उन्होंने तय किया तो मैंने कहा कि मैं स्वागत करता हूं. छिंदवाड़ा की जनता का सौभाग्य होना चाहिए कि महाराजजी की कथा सुनने मिली और हम सबका सौभाग्य है कि महाराजजी छिंदवाड़ा आए.'
कथा से नेताओं की दूरी से इनकार
कमलनाथ ने आगे कहा कि कौन नेता कथा से दूर हैं. यहां तो सब हैं. दिग्विजय सिंह उनसे मिलने गए थे. जब महाराजजी राघौगढ़ गए तो महाराजजी ने जयवर्धन सिंह के साथ खाना खाया. पचौरीजी, प्रियव्रत जी से भी मिले, कोई भी उनसे दूर नहीं है.
प्रमोद कृष्णम ने साधा था निशाना
धीरेंद्र शास्त्री की कथा को लेकर हाल ही में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कमलनाथ पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाने और आरएसएस का एजेंडा 'हिंदू राष्ट्र' की वकालत करके संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले बीजेपी के स्टार प्रचारक की आरती उतारना कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को शोभा नहीं देता. प्रमोद कृष्णम पर कमलनाथ ने कहा,'मुझे नहीं पता कि किसके पेट मे दर्द हो रहा है.