मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा के बाद अतिक्रमणकारियों के खिलाफ प्रशासन सख्त है. खरगोन में नगरपालिका ने हिंसा प्रभावित स्थल आनंद नगर में 10 अतिक्रमण करने वाले लोगों को अतिक्रमण हटाने के नोटिस थमाए हैं. कुछ घरों पर ताले लगे होने के कारण घरों के बाहर नोटिस चस्पा दिए गए हैं. इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने दो मकानों पर भी नोटिस चस्पा दिए गए. कुछ लोगों ने खुद ही अतिक्रमण को हटा लिया है.
खरगोन में रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद से मध्य प्रदेश सरकार बुल्डोजर वाला एक्शन ले रही है. बताया जा रहा है कि यह मकान अतिक्रमण करके बने हैं. इसी बीच प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने एक मकान पर भी कार्रवाई की गई और उन्हें भी ढहा दिया गया. खरगोन के खसखसवाड़ी इलाके में जिला प्रशासन ने ये कार्रवाई की.
बता दें कि खरगोन में रामनवमी जुलूस के दौरान पथराव हुआ था. जिसमें एसपी सिद्धार्थ चौधरी समेत करीब दो दर्जन लोग घायल हुए थे. मामले में एक्शन लेते हुए एमपी प्रशासन ने यूपी की तरह बुलडोजर वाली कार्रवाई की थी और कई घरों-दुकानों को गिराया था. इनको पथराव करने वाले आरोपियों से संबंधित बताया गया था.
बता दें, जिला प्रशासन ने खरगोन के चार इलाकों में 16 घर और 29 दुकानों को अवैध कब्जा बताकर तोड़ा. इसमें से 12 घर खसखासवाडी (Khaskhaswadi) इलाके में थे.
रामनवमी के जुलूस के बाद शहर में हुए हिंसा को लेकर इंदौर हाई कोर्ट ने प्रशासन से एक सप्ताह में जवाब मांगा है. इसे लेकर हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किए हैं. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट इंदौर पीठ ने 10 अप्रैल के बाद खरगोन में एक रेस्टोरेंट को ध्वस्त करने के लिए प्रमुख सचिव गृह मध्य प्रदेश सरकार, कलेक्टर खरगोन, मुख्य नगरपालिका खरगोन और आईजी इंदौर को नोटिस जारी किए हैं.