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Kuno National Park: चीतल, सांभर और खरगोश संग अठखेलियां कर रहे अफ्रीकी चीते, 15 दिन में बाकी 6 भी छोड़े जाएंगे

कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों में से दो नर चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है. चीते बड़े बाड़े में पहुंचकर यहां मौजूद वन्य जीवों से घुल मिल रहे हैं. बाकी बचे 5 मादा और 1 नर चीता को भी आगामी 15-20 दिनों में बड़े बाड़े में शिफ्ट किया जा सकता है.

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6 चीतों को भी जल्द ही बड़े बाड़े में छोड़ दिया जाएगा.
6 चीतों को भी जल्द ही बड़े बाड़े में छोड़ दिया जाएगा.

श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में 17 सितम्बर को लाए गए 8 नामीबियाई चीतों में से दो सगे चीता भाईयों को बीते शनिवार को क्वारांटाइन अवधि पूरी होने के बाद छोटे बाड़ों से बड़े बाड़े में छोड़ा गया है. बड़े बाड़े में पहुंचे दो चीते अब यहां मौजूद वन्य जीवों से घुल मिल रहे हैं. बड़े बाड़े में पहुंचे दो चीतों ने मंगलवार को दिनभर बाड़े का मुआयना किया और अपने चिर परिचित अंदाज में रफ्तार के साथ तेज दौड़ भी लगाई.

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इससे पहले चीतों ने सोमवार को सुबह पहली बार भारत की धरती पर चीतल का शिकार किया था. चीतों के व्यवहार को लेकर पार्क प्रबंधन से लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी खुशी जताई थी. बडे़ बाड़ों में सीसीटीवी से लगातार मॉनिटरिंग में जुटे अफसर उनके इस व्यवहार को लेकर संतुष्ट हैं, और वे पल-पल की अपडेट टास्क फोर्स और केन्द्र तक पहुंचा रहे हैं.

कूनो नेशनल पार्क में बड़े बाड़े में पहुंचे नामीबियाई मूल के एल्टन और फ्रेडी नाम के दोनों चीता भाईयों ने चीतल का शिकार करने के बाद कूनो के जंगल को अपना लिया है. जिसके बाद वे 5 वर्ग किलोमीटर के बड़े बाड़े में तूफानी रफ्तार के साथ दिनभर घूम-घूम कर पूरे बाड़े को नाप रहे हैं. 

बाड़े में मौजूद सांभर, चीतल, जैकाल, खरगोश सहित अन्य वन्य प्राणियों से वे कभी-कभी मटरगश्ती भी करने लगते हैं, तो अपने शिकार पर भी पैनी नजर गड़ा रहे हैं. चीतों की मॉनिटरिंग के लिए लगे सीसीटीवी कैमरों में सोमवार की सुबह से बाद से अब तक शिकार की तस्वीर कैद नहीं हो सकी है.

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बाकी बचे चीतों को भी जल्द छोड़ा जा सकता है
पीसीसीएफ जसवीर सिंह चौहान ने आजतक से फोन पर की गई चर्चा में बताया कि कूनो नेशनल पार्क में शनिवार को दो नर चीते बड़े बाड़े में शिफ्ट किये गये हैं, जिनका न केवल व्यवहार संतोषजनक हैं. बल्कि, वे बड़े बाड़ों में मौजूद वन्य जीवों के साथ घुल मिल भी रहे हैं. इन दोनों चीतों के व्यवहार की सारी जानकारी वरिष्ठ अफसरों, विशेषज्ञों एवं एनटीसीए तक भेजी जा रही है. उन्होंने बताया कि बाकी बचे चीतों को 15-20 दिनों में छोड़ा जा सकता है.

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