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मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क वाले जंगल के बाहरी भाग को विस्तारित करते हुए अब कूनो वन्यप्राणी वनमंडल का क्षेत्रफल (एरिया) बढ़ाने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इसमें श्योपुर और शिवपुरी जिले का सामान्य वनमंडल का हिस्सा शामिल किया जा रहा है, जिसके बाद कूनो वन्यप्राणी वनमंडल का क्षेत्रफल अब 1800 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा. वन विभाग द्वारा कूनो वन मंडल का एरिया बढ़ाने का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा दिया है. अब जल्द ही अधिसूचना भी जारी हो जाएगी.
वर्तमान में कूनो वनमंडल का कुल रकबा 1250 वर्ग किलोमीटर है. ये पूरा संरक्षित क्षेत्र है. इसी 1250 वर्ग किमी के जंगल में से 748 वर्ग किलोमीटर के जंगल में कूनो नेशनल पार्क स्थापित है, जबकि शेष जंगल बफर जोन कहा जाता है. लेकिन प्रोजेक्ट चीता के तहत नामीबिया और साउथ अफ्रीका से कूनो पार्क में लाए चीते न केवल पार्क की सीमा से बाहर निकल रहे हैं, बल्कि बफर जोन पार कर कूनो वन्यप्राणी वनमंडल की सीमा से भी बाहर चले जाते हैं.
यही वजह है कि कूनो वनमंडल के दोनों तरफ श्योपुर और शिवपुरी जिले के सामान्य वनमंडल के जंगल का एक बड़ा हिस्सा कूनो वनमंडल में मिलाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. जो अतिरिक्त एरिया जोड़े जाने का प्रस्ताव है, उस क्षेत्र के जंगल में कूनो के चीते निकलकर पहुंच चुके हैं.
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ वार्डन असीम श्रीवास्तव ने Aajtak को बताया कि श्योपुर के कूनो वनमंडल का क्षेत्रफल विस्तारित करने का प्रस्ताव बनाया गया है. प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है. जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा.
550 वर्ग किमी रकबा अतिरिक्त जोड़ा जा रहा
कूनो वनमंडल के 1250 वर्ग किमी रकबे में 550 वर्ग किलोमीटर एक रकबा अतिरिक्त जोड़ा जा रहा है. जिसमें श्योपुर जिले के सामान्य वनमंडल का 250 वर्ग किलोमीटर का जंगल शामिल किया जा रहा है, जबकि 300 वर्ग किलोमीटर का एरिया शिवपुरी जिले के सामान्य वनमंडल का जोड़ा जा रहा है, जो पोहरी क्षेत्र के आसपास का है.
चीतों की मॉनिटरिंग में होगी आसानी
अभी चीते कूनो वनमंडल से बाहर निकल जाने पर दूसरे वनमंडल की टीमों को बुलाने के लिए वनमंडल के अधिकारियों से बात करनी पड़ती है. ऐसे में ये अतिरिक्त क्षेत्र कूनो में शामिल होगा तो कूनो प्रबंधन सीधे हस्तक्षेप कर सकेगा. इसके साथ ही कूनो वनमंडल में अतिरिक्त एरिया जोड़े जाने के साथ ही इस क्षेत्र का स्टाफ भी कूनो को मिल जाएगा. जिससे मॉनिटरिंग को अतिरिक्त अमला मिल जाएगा.
यहां बतादे कि कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल का एरिया कम होने की वजह से चीता पार्क की सीमा लांघकर बार-बार बाहर जा रहे थे. जिसके बाद केंद्रीय दल ने पार्क का एरिया बढ़ाने का सुझाव दिया था. वहीं, एरिया कम होने से चीतों की शिफ्टिंग की चर्चाएं भी चल रही थीं.