MP News: श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को बड़े बाड़े में छोड़े जाने की उल्टी गिनती हुई शुरू हो गई है. लेकिन इसी बाड़े में मौजूद एक खूंखार तेंदुआ 3 माह बाद भी नहीं निकल पाया है. यही वजह है कि सर्चिंग में जुटे अमले का पसीना छूट रहा है. इसी बीच आज शनिवार को टॉस्क फोर्स समिति की बैठक भी होगी जिसमें चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ने का फैसला हो सकता है.
कूनो नेशनल पार्क में 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हाथों से नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को पिंजरा खोल कर चीता प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी, तभी से 8 चीते विशेष छोटे बाड़ों में क्वारंटाइन हैं और उनकी यह अवधि भी खत्म हो चुकी है. इन चीतों को अब 5 वर्ग किलोमीटर के बड़े बाड़े में जल्द छोड़ा जाना है.
4 तेंदुए निकाल दिए गए, हाथी की ली गई मदद
लेकिन चीतों के लिए बने बड़े बाड़े में अभी भी एक खूंखार तेंदुआ पार्क प्रबंधन की मुसीबत बना हुआ है. बीते महीनों में इस बाड़े में घुसे कुल 5 तेंदुओं में से 4 को तो बाड़े से बाहर निकाल लिया गया, लेकिन एक तेंदुआ तमाम तरह के प्रयासों के बाद भी वन अमले और विशेषज्ञों के काबू में नहीं आ पाया है. सतपुड़ा नेशनल पार्क से बुलवाए गए हाथी भी अमले के साथ जुटे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी है.
चीता टास्क फोर्स कमेटी की मीटिंग
उधर, प्रोजेक्ट के लिए गठित चीता टास्क फोर्स समिति की बेनतीजा रही. 17, 21 और 27 अक्टूबर की बैठकों के बाद आज शनिवार को फिर बैठक आयोजित की गई है, जिसमें चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ने का निर्णय लिया जा सकता है, क्योंकि चीतों की क्वारंटाइन अवधि पूरी हो चुकी है. वहीं, नामीबिया से लाए गए 5 मादा और 3 नर चीते कूनो पार्क के माहौल में ढल चुके हैं और पूरी तरह स्वस्थ्य भी हैं.
इससे पहले कूनो के पालपुर गेस्ट हाउस पर आयोजित बैठक में प्रोजेक्ट की समीक्षा की गई थी. हालांकि, बैठक में चीतों को बड़े बाड़ों में छोड़ने का निर्णय नहीं हुआ था, लेकिन कूनो के अफसरों को कुछ निर्देश जारी किए गए और बताए गए कार्यों को 7 नवंबर तक पूरा कराने के कहा गया था.
इन निर्देशों में कहा गया कि बड़े बाड़े की तार फेंसिंग जहां- जहां अभी डैमेज है, उसे दुरुस्त किया जाए, बाड़े को सेनेटाइज किया जाए, फेंसिंग में सोलर लाइटिंग की व्यवस्था सुधारी जाए.