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मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में एक घर के भीतर पांच लोगों के शव फांसी के फंदे पर लटकते हुए पाए जाने से हड़कंप मच गया. पति-पत्नी और तीन बच्चों के शव मिलने की सूचना पर जिले के एसपी राजेश व्यास मौके पर पहुंचे. यह हत्या है या सामूहिक आत्महत्या? एफएसएल और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही खुलासा होगा. पुलिस अब FSL टीम का इंतजार कर रही है. खास बात यह है कि इस घटना ने आज के ही दिन यानी 1 जुलाई 2018 को दिल्ली के बुराड़ी में हुई घटना को याद दिला दिया है.
अलीराजपुर जिले के सोंडवा थाने इलाके के रावडी गांव की यह घटना है. मृतकों में घर का मुखिया राकेश, उसकी पत्नी ललिता और बेटी लक्ष्मी, दो बेटे अक्षय और प्रकाश शामिल हैं. रिश्ते के लोगों ने पूरे परिवार की हत्या की आशंका जताई है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.
बता दें कि दिल्ली के बुराड़ी के मास सुसाइड केस ने पूरे देश को झकझोर कर रखा दिया था. आज यानी 1 जुलाई को इस कांड को पूरे 6 साल बीत चुके हैं. 30 जून 2018 की देर रात 12 बजे से एक बजे के करीब चुंडावत परिवार (जिसे भाटिया परिवार के रूप में भी जाना जाता था) के 11 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी.
दस लोग फांसी पर लटके पाए गए, जबकि परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य दादी की गला घोंटकर हत्या कर दी गई. अगले दिन यानी 1 जुलाई 2018 को मौत के बाद सुबह-सुबह उनके शव घर से बरामद किए गए थे. बुराड़ी केस में दावा किया गया कि परिवार के मुखिया ललित भाटिया ने जादू-टोने के वशीभूत होकर पूरे परिवार को सामूहिक आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया था. 11 मौतों को मनोविकृति से प्रेरित माना गया.