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मध्य प्रदेश HC ने दी भोजशाला परिसर के सर्वे की अनुमति, सुप्रीम कोर्ट जाएगा मुस्लिम पक्ष

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) को भोजशाला परिसर के सर्वे की इजाजत दी है. इसके चलते अब भोजशाला का भी एएसआई सर्वे किया जाएगा. जो कि 5 सदस्यीय टीम 6 सप्ताह में रिपोर्ट सौंपेगी. आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष को यह आदेश मंजूर नहीं है और अब वह सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कर रहा है.

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Madhya Pradesh High Court. (File Photo)
Madhya Pradesh High Court. (File Photo)

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने भोजशाला परिसर को लेकर सोमवार को बड़ा फैसला दिया है. इसके चलते अब भोजशाला का भी एएसआई सर्वे किया जाएगा. जो कि 5 सदस्यीय टीम 6 सप्ताह में रिपोर्ट सौंपेगी.

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दरअसल, हिन्दू फ्रंट फार जस्टिस की ओर से हाईकोर्ट में आवेदन दिया था. इस पर उच्च न्यायालय ने एएसआई को वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है. आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष को यह आदेश मंजूर नहीं है और अब वह सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कर रहा है.

यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश HC ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को 'विवादित' भोजशाला परिसर के सर्वे की अनुमति दी

'HC का आदेश मुस्लिम समाज को मंजूर नहीं'

शहर काजी वकार सादिक ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय ने जो आदेश दिया है, उसका बड़ा सम्मान है. सम्मान के साथ हम यह कहना चाहते है कि जो आदेश दिया गया है वह मुस्लिम समाज को मंजूर नहीं है. जल्द ही हमारी कमेटी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी.

मैं आपको बताना चाहता हूं कि 1902-03 की ऑर्कोलाजिकल डिपार्टमेंट की सर्वे रिपोर्ट यहां मौजूद है, जिससे यह स्पष्ट तथ्य है कि यह कमाल मौलाना मस्जिद है. ऑर्कोलाजिकल डिपार्टमेंट ने इसका जवाब 1998 को प्रस्तुत कर दिया है और ऑर्कोलाजिकल डिपार्टमेंट अपनी बात से पलट नहीं सकता है.

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'डॉक्यूमेंट रिपोर्ट छह हफ्ते के अंदर अदालत को सौंपे'

बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) को भोजशाला परिसर के सर्वे की इजाजत दी है. हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि एएसआई के महानिदेशक या अतिरिक्त महानिदेशक के नेतृत्व में एएसआई के 5 या 5 से ज्यादा अधिकारियों की एक विशेष समिति भोजशाला की ऐतिहासिकता का वैज्ञानिक और तकनीकी सर्वे करें और सर्वे पर एक डॉक्यूमेंट रिपोर्ट छह हफ्ते के अंदर अदालत को सौंपे. 

जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और देवनारायण मिश्रा की पीठ ने अपने आदेश देते हुए कहा कि एक्सपर्ट कमेटी दोनों पक्षकारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार सिस्टम सहित सभी उपलब्ध वैज्ञानिक तरीकों के साथ परिसर के पचास मीटर के दायरे में समुचित स्थानों पर जरूरत पड़ने पर खुदाई करा कर सर्वेक्षण करे.

'मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है'

अदालत ने यह भी कहा कि सर्वेक्षण ये कार्यवाही दोनों पक्षों को दो प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की जाए और उसकी वीडियोग्राफी होनी चाहिए. अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है. साथ ही कोर्ट ने ASI को 29 अप्रैल से पहले अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.

रिपोर्ट- छोटू शास्त्री.
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