26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्यपथ पर इस साल मध्य प्रदेश की झांकी कूनो नेशनल पार्क और चीतों की पुर्नस्थाना पर केंद्रित होगी. इसमें कूनो की प्राकृतिक खूबसूरती और भारत में जन्मे चीतों की झलक दिखलाई जाएगी.
देश में सात दशक पहले चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था. उनकी आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए, 20 चीते - नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से 12 - को पुनरुत्पादन परियोजना के हिस्से के रूप में क्रमशः सितंबर 2022 और फरवरी 2023 में मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था.
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक संजय सक्सेना ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, "राज्य की झांकी का विषय 'चीता-भारत का गौरव' है. इसमें 10 से अधिक कल्पित जानवरों (डमी) को दिखाया जाएगा, जिनमें से एक जोड़ा प्राकृतिक आवास में होगा."
झांकी के नोडल अधिकारी संजय सक्सेना ने कहा, "मध्य प्रदेश चीतों को फिर से लाने की अपनी ऐतिहासिक उपलब्धि को प्रदर्शित कर रहा है. कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है."
रंगारंग कार्यक्रम के लिए चुनी गई 15 राज्यों की झांकियों में मध्य प्रदेश की झांकी भी शामिल है. नई दिल्ली स्थित अधिकारी ने कहा कि पिछले साल मध्य प्रदेश की झांकी महिला सशक्तिकरण पर आधारित थी. उन्होंने कहा कि राज्य की झांकी को लगातार दूसरी बार गणतंत्र दिवस समारोह के लिए चुना गया है.
दुनिया के सबसे तेज गति से दौड़ने वाले स्थलीय जानवर चीता को 1952 में भारत में विलुप्त घोषित कर दिया गया था. आखिरी चीता 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में मरा था, जो कभी मध्य प्रदेश का हिस्सा था. उनकी आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए 20 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में लाया गया है. वर्तमान में केएनपी में 12 शावकों सहित 24 चीते हैं.