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MP में ड्रग्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 7800 से ज्यादा नशे के सौदागर गिरफ्तार, 115 करोड़ की संपत्ति जब्त

मध्य प्रदेश में पुलिस ड्रग्स तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है. यही वजह है कि बीते डेढ़ सालों में नशे के कारोबार से जुड़े 7800 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 115 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है. बीते दिनों राजधानी भोपाल से 1814 करोड़ की ड्रग्स और उसे बनाने वाले पदार्थ को जब्त किया गया था.

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यह सांकेतिक तस्वीर है
यह सांकेतिक तस्वीर है

मध्य प्रदेश में अवैध नशे के कारोबार के खिलाफ पुलिस का सख्त एक्शन जारी है. जनवरी 2023 से अक्टूबर 2024 तक 7886 आरोपियों को ड्रग्स तस्करी और खरीद-फरोख्त के मामले में गिरफ्तार किया गया है जबकि 29 अपराधियों के खिलाफ 115 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की गई है.

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हाल ही में राजधानी भोपाल से 1814 करोड़ की ड्रग्स और उसे बनाने वाले पदार्थ को जब्त किए जाने के साथ ही नशे के खिलाफ एमपी पुलिस का अभियान लगातार जारी है. एमपी पुलिस ने आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि जनवरी 2023 से अक्टूबर 2024 तक पूरे प्रदेश में 6161 प्रकरणों में अवैध मादक पदार्थ के व्यापार में शामिल 7886 अपराधियों की गिरफ़्तारी की गई है. 

115 करोड़ की संपत्ति जब्त

इसके अंतर्गत ऐसी गतिविधियों में शामिल अपराधियों द्वारा अवैध तरीक़े से अर्जित संपत्तियों को जब्त/फ्रीज किए जाने के लिए NDPS एक्ट 1985, धारा 68-ए के अंतर्गत पूरे प्रदेश में 29 अपराधियों के खिलाफ 115 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है.

पुलिस के मुताबिक इस प्रावधान के तहत सबसे ज्यादा कार्रवाई अफीम की मंडी कहे जाने वाले मंदसौर और नीमच में की गई हैं जहां से 23 कुख्यात अपराधियों की संपत्ति फ्रीज की गई है. 

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इन अपराधियों में नाहरगढ़ के धनराज उर्फ धन्ना (पिता- ओमप्रकाश पटीदार) की 14 करोड़ से अधिक की संपत्ति, नारायणगढ़ के श्याम (पिता- भंवर सिंह) की 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति, मनसा के पीयूष (पिता- पीरू बंजारा की 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति) सीतामाउ के अशोक (पिता- मांगीलाल पाटीदार की 8 करोड़ से अधिक की संपत्ति) और अफजलपुर के ताहिर (पिता- शफ़ी मोहम्मद) की 3 करोड़ से अधिक की संपत्ति शामिल है.

नशे के अवैध कारोबारियों को जेल भेजने की कार्रवाई

बता दें कि NDPS एक्ट नशे का कारोबार करने वाले अपराधियों पर लगाया जाता है. इस एक्ट के लगने के बाद आरोपी अपराधी को छह महीने तक जमानत नहीं मिल पाती है. इस अधिनियम के तहत पिछले दो सालों में की गई कार्रवाई पहले के मुकाबले काफी ज्यादा है. इसके अंतर्गत 1 जनवरी 2023 से अभी तक कुल 74 अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसमें इंदौर के 43 अपराधी, मंदसौर और उज्जैन के 5-5, नीमच और रतलाम के 4-4 अपराधी शामिल हैं.


 

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