उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया है. वो संघ के करीबी बताए जाते हैं. स्टूडेंट लाइफ से ही मोहन सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं. 1990 में नौवीं और 1993 में दसवीं विधानसभा के सदस्य रहे हैं. पटल समिति के भी सदस्य रहे हैं. साल 2003 में बारहवीं विधानसभा के सदस्य चुने गए. इस दौरान उन्होंने राज्य मंत्री बनाया गया था.
बहन कलावती यादव ने सुनाया दिलचस्प किस्सा
मोहन यादव की बड़ी बहन कलावती यादव अपने भाई के सियासी सफर और उनकी कर्मठता के बारे में कहती हैं, 'वो शुरू से ही सियासत में बहुत सक्रिय रहते थे. वो बेटी के उठने से पहले घर से निकल जाते थे. देर रात आते थे. एक बार की बात है, मैंने उनसे पूछा कि बिटिया अब चलने लगी होगी.'
इस उन्होंने कहा कि मैं घर पहुंचकर देखकर बताऊंगा. ये बात उनके संघर्ष और मेहनत के बारे में बताती है. वो बिना किसी पद पर रहते हुए भी पार्टी के लिए मेहनत से काम करते थे'. मोहन यादव के बेटे ने कहा कि बहुत खुशी हो रही है.
'मैं अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने का प्रयास करूंगा'
सीएम पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद मोहन यादव की पहली प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा, "मैं केंद्रीय नेतृत्व, प्रदेश नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं. मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को यह जो जवाबदारी दी है, आपके प्यार और सहयोग से मैं अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने का प्रयास करूंगा."
बता दें कि मध्य प्रदेश में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया था. राज्य में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही थी. मगर, इसके उलट कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. प्रदेश में बीजेपी को 163 सीटों पर जीत हासिल हुई.