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BJP की महिला नेता ने किया पार्टी छोड़ने का इशारा, कहा- 2023 का विधानसभा चुनाव तो लड़ूंगी

MP Assembly Election 2023: बीजेपी ने 17 अगस्त को एमपी के विधानसभा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट और 25 सितंबर को दूसरी लिस्ट जारी की. दोनों ही सूचियों में 39-39 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई. बीजेपी अब तक मध्य प्रदेश में 78 उम्मीदवारों के नाम जारी कर चुकी है.

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अर्चना सिंह के समर्थकों ने निकाली रैली.
अर्चना सिंह के समर्थकों ने निकाली रैली.

मध्यप्रदेश के छतरपुर की पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष और भाजपा नेत्री अर्चना सिंह ने बगावत करने का इशारा कर दिया है. अपना फैसला बताते हुए अर्चना ने कहा कि आगामी 2023 का विधानसभा चुनाव जरूर लड़ेंगी. मगर जगह और पार्टी समय आने पर बताएंगी. 

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दरअसल, भाजपा ने अपने पहले 39 उम्मीदवारों की सूची में छतरपुर विधानसभा से पूर्व मंत्री ललिता यादव का नाम तय किया था. तभी से ही अर्चना सिंह के समर्थक सड़कों पर उतरकर भाजपा से मांग कर रहे थे कि अर्चना सिंह को टिकट दिया जाए. मगर अभी तक पार्टी ने अपना फैसला नहीं बदला. 

मगर अर्चना सिंह के समर्थक यही आश लगाए हैं कि अर्चना सिंह को चुनाव लड़ना चाहिए. इसलिए अर्चना सिंह ने यह तो तय कर लिया कि 2023 का विधानसभा चुनाव तो लड़ेंगी, मगर अभी यह नहीं बता रहीं कि पार्टी कौन सी होगी? 

बाएं से अर्चना सिंह और ललिता यादव.

ऐसे में यह तो साफ हो गया कि अर्चना सिंह ने अपने बगावती तेवर तो दिखा दिए और पार्टी छोड़ने का इशारा भी कर दिया. अब आगामी समय में तस्वीरें साफ होंगी कि अर्चना सिंह किस राजनीतिक दल से चुनाव मैदान में भाजपा के लिए रास्ते का कांटा बनेंगी. 

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गौरतलब है कि भाजपा ने अर्चना सिंह को साल 2018 के विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया था और महज 2800 वोटों से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. 
 
बता दें कि बीजेपी ने 17 अगस्त को एमपी के विधानसभा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट और 25 सितंबर को दूसरी लिस्ट जारी की. दोनों ही सूचियों में 39-39 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई. बीजेपी अब तक मध्य प्रदेश में 78 उम्मीदवारों के नाम जारी कर चुकी है.

15 महीने में गिर गई थी कांग्रेस सरकार 

2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 230 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत से दो कम 114 सीटें मिलीं थीं. वहीं, बीजेपी के खाते में 109 सीटें आई थीं. वहीं बसपा को दो जबकि अन्य को पांच सीटें मिली थीं. तब कांग्रेस ने बसपा, सपा और अन्य का साथ लेकर सरकार बनाई थी और 15 साल बाद राज्य में सत्ता पाई थी. कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक कांग्रेस की सरकार चली. लेकिन 15 महीने पूरे होते-होते कमलनाथ सरकार की सत्ता से विदाई तय हो गई और कई विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गए और फिर बीजेपी ने सत्ता में वापसी की. शिवराज सिंह चौहान फिर मुख्यमंत्री बन गए थे.

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