मध्य प्रदेश में भोपाल की क्राइम ब्रांच (Bhopal Crime Branch) ने नेपाल से मुंबई जा रही करीब 10 किलो चरस की खेप को पकड़ा है. जब्त की गई चरस की कीमत करीब 5 करोड़ रुपए बताई जा रही है. क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित कुमार के मुताबिक, सूचना मिली थी कि एक महिला और पुरुष ऑटो में बैठकर शाहजहांनाबाद से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे हैं. इनके पास चरस है. सूचना पर क्राइम ब्रांच ने घेराबंदी कर ऑटो में सवार महिला और पुरुष को जिंसी इलाके से पकड़कर तलाशी ली तो पूरा मामला सामने आ गया.
डीसीपी के अनुसार, महिला ने अपना नाम जुलेखा बताया है, वह अंधेरी मुंबई की रहने वाली है. दूसरा आरोपी शाहिद भी अंधेरी मुंबई का निवासी है. शाहिद के बैग की तलाशी ली गई तो चादर के नीचे ब्राउन रंग के पारदर्शी पन्नी मे टेप से लिपटे तीन पैकेट मिले. इन्हें खुलवाकर देखा तो उसमें काला गंधयुक्त गीला पदार्थ मिला. महिला जुलेखा के बैग में भी तीन पैकेट मिले. इस पदार्थ की जांच की गई तो चरस के तौर पर पुष्टि हुई.
आरोपी महिला जुलेखा के कब्जे से 1.480 किलोग्राम चरस जब्त किया गया, जबकि शाहिद के पास से 1.485 किलोग्राम चरस जब्त किया गया. दोनों आरोपियों के पास से कुल 2.965 किलो चरस मिली. इसके अलावा दोनों की निशानदेही पर 11 जुलाई को आरोपी बबलू उर्फ शाहिद के कब्जे से 265 ग्राम चरस जब्त की गई. बबलू की निशानदेही पर 13 जुलाई को एक अन्य आरोपी वीर बहादुर गिरी के कब्जे से 6.700 किलो चरस जब्त की गई. इस तरह चारों आरोपी तस्करों से कुल 9.930 (करीब 10 किलो) किलो चरस जब्त की गई.
डीसीपी के मुताबिक, आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सभी मूलतः कानपुर और नेपाल के हैं, जो पहले से ही एक दूसरे को जानते थे. आरोपी महिला का पति चरस की तस्करी करता था, लेकिन पति की मौत के बाद पत्नी ने भी चरस का अवैध कारोबार शुरू कर दिया. महिला ने मुंबई में रहकर अपने देवर के साथ चरस का पूरा गिरोह तैयार किया.
आरोपी दलाल शाहिद उर्फ बबलू भोपाल में रहकर नेपाल से आने वाली चरस को मुंबई पहुंचाता था. यह चरस नेपाल से लाई जाती थी. चरस तस्करी का यह काम काफी समय से चल रहा था. गिरफ्तार आरोपियों से क्राइम ब्रांच फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मुंबई में उन्होंने चरस को कहां-कहां खपाया है.