कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दलित युवक की बहन की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत के बाद सोमवार को मध्य प्रदेश के सागर जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाने की मांग की. दिग्विजय सिंह अंजना अहिरवार के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए बरोदिया नोनागिर गांव पहुंचे, जिनकी रविवार को अपने चाचा का शव ले जा रही एम्बुलेंस से गिरने के बाद मौत हो गई थी.
'मैं किसी के घर पर बुलडोजर चलाने के पक्ष में नहीं हूं'
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रशासन ने अंजना को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, क्या उन्होंने उसे नौकरी दी? उन्होंने कुछ अन्य वादे भी किए जैसे (आरोपियों के) घर गिरा देना, क्या उन्होंने तोड़ा? ...मैं किसी के घर पर बुलडोजर चलाने के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन आप कार्रवाई के नाम पर कई लोगों के घर तोड़ देते हैं. सिंह ने अंजना के शव के पास बैठकर पत्रकारों से बात की और बाद में उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए.
एम्बुलेंस से गिरने के बाद हुई थी मौत
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अंजना के चाचा राजेंद्र अहिरवार की 25 मई को पुरानी दुश्मनी को लेकर कुछ लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. अंजना ने आरोप लगाया था कि उनके भाई नितिन अहिरवार उर्फ लालू की पिछले साल अगस्त में कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी. रविवार को सागर में अपने चाचा का शव ले जा रही एम्बुलेंस से गिरने के बाद अंजना की मौत हो गई. दिग्विजय सिंह ने इस घटना पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (SP) सहित पूरे जिला प्रशासन को हटाने की मांग की.
महिला के परिवार के सदस्यों ने सिंह को बताया कि उन्हें दी गई सुरक्षा प्रशासन की ओर से हटा दी गई थी और यहां तक कि उनके क्षेत्र में लगे कैमरे भी हटा दिए गए थे.