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भोपाल के बाद अब इंदौर में भी टूटेगा BRTS, हाईकोर्ट का आदेश

इंदौर में बीआरटीएस 2013 में चालू हुआ था. पिछले साल नवंबर में राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की थी कि यातायात की भीड़ को कम करने और लोगों के लिए आवागमन को आसान बनाने के लिए इंदौर में बीआरटीएस कॉरिडोर को हटा दिया जाएगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:META AI)
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:META AI)

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदौर के बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) कॉरिडोर को हटाने का आदेश दिया. चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया. 

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याचिकाकर्ता एन एम कुरैशी के वकील अजिंक्य दगांवकर ने बताया कि बीआरटीएस कॉरिडोर का स्ट्रक्चर वाहनों की संख्या में वृद्धि के बाद यातायात की आवाजाही में बाधा पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि जनहित याचिका इंदौर निवासी के डी कोडवानी और एन एम कुरैशी ने दायर की है. 

उन्होंने कहा कि बीआरटीएस मार्ग को इंदौर में राजीव गांधी चौराहे से देवास नाका के बीच लगभग 11 किलोमीटर के क्षेत्र में विकसित किया गया था. वकील ने कहा कि पिछले सितंबर में हाईकोर्ट ने बीआरटीएस मार्ग की उपयोगिता का पता लगाने के लिए एक कमेटी गठित करने का आदेश दिया था. 

वकील ने कहा कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि यातायात प्रवाह में वृद्धि के बाद बीआरटीएस सुविधा व्यवहार्य नहीं है. वकील ने बताया कि जनहित याचिका में बीआरटीएस कॉरिडोर को तमाम आधारों पर चुनौती दी गई है, जिसमें व्यवहार्यता, वाहनों के लिए पार्किंग स्थल की कमी और वाहनों को चलाने के लिए परिवहन विभाग से स्थायी मंजूरी का अभाव शामिल है.  

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इंदौर में बीआरटीएस 2013 में चालू हुआ था. पिछले साल नवंबर में राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की थी कि यातायात की भीड़ को कम करने और लोगों के लिए आवागमन को आसान बनाने के लिए इंदौर में बीआरटीएस कॉरिडोर को हटा दिया जाएगा.

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