मध्यप्रदेश में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) के रायसेन के जंगलों में ट्रेनिंग कैंप चलाने के मामले में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. मध्यप्रदेश एटीएस की अब तक की जांच में द केरल स्टोरी जैसी कहानी सामने आ रही है. जांच में हिंदू युवतियों के धर्म परिवर्तन का एंगल सामने आया है.
एमपी ATS की गिरफ्त में आए कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन उत तहरीर के संगठन के लोगों से पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों में से तीन लड़के पहले हिंदू धर्म में थे लेकिन बाद में उन्होंने मुस्लिम धर्म अपना लिया. यही नहीं उन्होंने अन्य हिंदू युवतियों को भी इस्लाम धर्म कबूल करवा दिया और उनसे शादी कर ली. जांच में यह भी सामने आया है कि इन आरोपियों में से एक भोपाल में कोचिंग चलता था, जहां लोगों का ब्रेनवॉश किया जाता था. फिलहाल सभी आरोपी 19 मई तक एटीएस की रिमांड में हैं. आने वाले दिनों में कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं.
'आजतक' से बात करते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि जिन आरोपियों ने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाया, उनमें हैदराबाद से अरेस्ट मोहम्मद सलीम है, जिसका असली नाम सौरभ राजवैद्य है. इसके अलावा देवी प्रसाद पांडे ने नाम बदलकर अब्दुर्रहमान रख लिया था. हैदराबाद के रहने वाले वेणू कुमार ने अपना नाम अब्बास अली कर लिया था. इन सभी ने हिंदू लड़कियों से शादी की और उन्हें भी इस्लाम कबूल करवाया है.
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि ATS द्वारा पकड़े गए आरोपियों में से एक मोहम्मद सलीम AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी के कॉलेज में प्रोफेसर था. एटीएस उसके खातों की भी जांच में लगी है.
हिज्ब-उत-तहरीर के एजेंडे का खुलासा होने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दो टूक कहा कि जो तथ्य सामने आए हैं, उनकी गहराई से जांच की जा रही है. मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि यहां न लव जिहाद चलेगा, ना ही धर्मांतरण का कुचक्र चलने देंगे. हमने पहले भी सिमी के नेटवर्क को ध्वस्त किया है. इस तरह की गतिविधियां किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे छोड़ेंगे नहीं.
शिवराज ने कहा कि पकड़े गए आरोपियों में से कोई जिम ट्रेनर था, तो कोई दर्जी था कोई ऑटो चलाता था, तो कोई कोचिंग चलाता था और इन सब का मकसद था समाज में रहकर खुद मिल कर भोली भाली लड़कियों का ब्रेनवॉश किया जाए और उन्हें आतंक के दलदल में धकेला जाए.
पिछले हफ्ते एमपी एसटीएस ने खुलासा किया था कि कट्टरपंथी संगठन हिब्ज-उत-तहरीर भोपाल से सटे रायसेन जिले के जंगलों में ट्रेनिंग कैंप लगाते थे और गोलियां चलाना सीखते थे. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया था कि इस मामले में हैदराबाद से गिरफ्तार कट्टरपंथी संगठन हिब्ज-उत-तहरीर (HuT) से जुड़े 5 लोगों भोपाल लाए गए हैं. संदिग्ध लोगों के इंटरनेशनल कनेक्शन और फंडिंग सहित कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है. इस मामले में भोपाल और छिंदवाड़ा समेत तेलंगाना से कुल 15 संदिग्धों (भोपाल से 9, छिंदवाड़ा से 1 और हैदराबाद से 5) को गिरफ्तार किया गया है. वहीं कोर्ट ने सभी संदिग्धों की 19 मई तक एमटीएस की रिमांड में भेज दिया है.