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हवन में आहुति देने के लिए सब आगे बढ़े और फिर... इंदौर हादसे के पीड़ितों ने सुनाई आपबीती

इंदौर में रामनवमी के दौरान हादसे का शिकार हुए लोगों की आपबीती सामने आई है. उन्होंने बताया है कि किस तरह लोग मंदिर पर एकजुट हुए थे और हवन की पूर्णाहुति से पहले अचानक स्लेब धंस गया. कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को इस हादसे में खो दिया.

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हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेश चलाते बचाव दल के कर्मचारी. (फोटो-एजेंसी)
हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेश चलाते बचाव दल के कर्मचारी. (फोटो-एजेंसी)

मध्य प्रदेश के इंदौर में रामनवमी पर बेलेश्वर मंदिर में हुए हादसे में 35 लोगों की मौत हो चुकी है. घटनास्थल से रेस्क्यू किए गए घायल नागरिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ऐसे में अब हादसे का शिकार हुए लोगों की आपबीती सामने आई है. घायलों ने बताया है कि पूरा हादसा इतना तीव्र था की संभलने का मौका ही नहीं मिला. 

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इंदौर संभाग के कमिश्नर पवन शर्मा ने बताया कि अबतक 35 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में 18 लोगों को बचाया गया, जिनमें से 16 लोग अस्पताल में भर्ती हैं. अभी भी दो लोग लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. इस ऑपरेशन में एनडीआरएफ के 15, एसडीआरएफ के 50 और आर्मी के 75 जवानों की टीम जुटी है.
 

मंदिर में हादसे के वक्त मौजूद पंकज पटेल ने बताया,'मंदिर में हवन चल रहा था. माहौल एकदम भक्तिमय था. हवन पूरा होने के बाद सभी पूर्णाहुति के लिए खड़े हुए. धीरे-धीरे लोग हवन स्थल की तरफ बढ़े. पूर्णाहुति छोड़ी जाने ही वाली थी कि अचानक स्लेब नीचे धंस गया और सब उसमें गिर गए. मंदिर में चीख पुकार मच गई.' 

पंकज ने बताया कि उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. मंदिर के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि पहले मंदिर छोटा था. बाद में उसके विस्तार का काम हुआ. इसके तहत ही करीब 15-20 साल पहले स्लेब डाले गए.

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महिला और बच्चा लौटकर नहीं आए

हादसे में घायल एक महिला ने बताया कि हमारे परिवार के 6 लोग मंदिर गए हुए थे. चार आ गए, जिसमें हमारे परिवार की एक महिला एक्सपायर हो गई हैं. एक महिला और 2 साल का बच्चा बब्बू अब तक लौटकर नहीं आए हैं.

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आरती का इंतजार कर रहे थे लोग

मंदिर के पंडित लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि 12 बजने में 5 मिनट की देरी थी. हम लोग रामजी की आरती का इंतजार कर रहे थे और यह हादसा हो गया. मंदिर में करीब 40-50 लोग थे. जब उनसे पूछा गया कि मंदिर कितना पुराना है तो उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी के मुताबिक मंदिर करीब 60 साल पुराना है और वह यहां 16 साल से पुजारी हैं.

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हादसे में इनकी हुई मौत

1. लक्ष्मी पटेल (70), पटेल नगर
2. इंद्रकुमार हरवानी (53), साधु वासवानी नगर
3. भारती कुकरेजा (58), साधु वासवानी नगर
4. जयवंती खूबचंदानी (84), स्नेह नगर
5. दक्षा पटेल (60), पटेल नगर
6. मधु भम्मानी (48), सर्वोदय नगर
7. मनीषा मोटवानी, सिंधी कॉलोनी
8. गंगा पटेल (58), पटेल नगर
9. कनक पटेल (32), पटेल नगर
10. पुष्पा पटेल (49), पटेल नगर
11. भूमिका खानचन्दानी (31), पटेल नगर

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बावड़ी को स्लेब से किया गया था बंद

बता दें कि हादसा जूनी इंदौर थाना क्षेत्र के स्नेह नगर में हुआ. यहां मंदिर में स्लेब से बंद कर दी गई बावड़ी (कुआं) धंसने से कई लोग उसमें समा गए. बावड़ी करीब 50  फीट गहरी थी. हादसे में 35 लोगों की मौत हो गई तो वहीं कई लोग घायल हो गए, जिन्हें रेस्क्यू कर नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया.

मृतकों को 5 लाख रुपए का मुआवजा

हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से लेकर केद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता राहुल गांधी तक ने दुख व्यक्त किया. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं. हादसे में मृत लोगों के परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया गया है. घायलों को सरकार की तरफ से 50 हजार रुपए दिए जाएंगे.

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