साल 2023 में मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना शुरू की गई और इस योजना के बाद जब चुनावी नतीजे आए तो उससे एक बात साफ हो गई कि आधी आबादी यानि महिला वोटरों को इस योजना के जरिए साधा जा सकता है. जिसके बाद ही देश के अन्य राज्यों में भी इसी तरह की योजनाएं शुरू की गई या चुनावी वादों में इसे शामिल किया गया. जिसका ताजा उदाहरण है देश कि राजधानी दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव. लेकिन जिस राज्य मध्य प्रदेश से यह योजना पूरे देश में फैली उसी राज्य में अब लाडली बहना योजना को लेकर हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है. विधानसभा में एक सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने बताया है कि वर्तमान में लाडली बहना योजना की राशि बढ़ाने और नई लाडली बहनों के नाम जोड़ने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
दरअसल, 2023 में मध्य प्रदेश में सीएम का चेहरा बदला तो कांग्रेस ने योजना के भविष्य को लेकर सवाल उठाए लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल में भी लाडली बहना योजना बिना किसी परेशानी के लगातार जारी है और हर महीने हितग्राही महिलाओं के बैंक खातों में 1250 रुपए की राशि डाली जा रही है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में देवास में कहा था कि इस योजना की राशि को वो 3 हजार रुपए प्रति महीना तक ले जाएंगे. लेकिन अब लाडली बहना योजना को लेकर जो जानकारी सामने आई है उससे योजना एक बार फिर सुर्खियों में है.
विधानसभा सत्र में कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल के जवाब में सरकार ने बताया है कि वर्तमान में लाडली बहना योजना की राशि बढ़ाने की कोई योजना नहीं है. कांग्रेस के सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल ने विधानसभा में लाडली बहना योजना को लेकर लिखित सवाल पूछे थे.
सरकार की तरफ से जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि 35 महिलाओं को जांच के बाद अपात्र पाया गया. इसलिए उनके नाम योजना से काटे गए हैं. 15748 महिलाओं के नाम उनकी मृत्यु के बाद योजना से काटे गए हैं. 60 साल की उम्र पूरी करने वाली 3 लाख 19 हजार 991 महिलाओं के नाम नियमानुसार पोर्टल से अपने आप हट गए है. इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी योजना शुरू करते समय ही सार्वजनिक कर दी गई थी.
वहीं, योजना की राशि बढ़ाने को लेकर जबाव देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि लाडली बहना योजना के तहत राशि को 3000 रुपए तक करने का वर्तमान में विभाग स्तर पर कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. साथ ही में सरकार ने यह भी बताया गया कि लाडली बहना योजना में नए हितग्राही जोड़ने का वर्तमान में प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. हालांकि, इस जवाब को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं और लाखों महिलाओं के साथ धोखा बताया है.
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि लाड़ली बहनों के साथ धोखा किया गया है. उन्हें 3 हजार रुपये देने का वादा किया गया था लेकिन फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है और यह बात खुद मंत्री ने स्वीकार की है. इसके अलावा लंबे समय से लाडली बहना के रजिस्ट्रेशन बंद हैं, जिससे पात्र होने के बाद भी महिलाओं के नाम नहीं जोड़े जा रहे हैं. इससे साफ होता है कि योजना का सहारा सिर्फ चुनाव जीतने के लिए लिया गया था.
हालांकि, सदन के बाहर इस बारे में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने जरूर कहा कि जो नाम कटे हैं वो नियमानुसार हैं और नए नाम जोड़े जाने का जो भी फैसला होगा वो शासन स्तर पर लिया जाएगा. योजना में हर महीने हितग्राही महिलाओं को राशि दी जा रही है और भविष्य में राशि भी बढ़ाई जाएगी और नए नाम भी जोड़े जाएंगे.