मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस ने फर्जी परीक्षार्थियों का पर्दाफाश करते हुए सॉल्वर गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. मामला मिसरोद थाना क्षेत्र का है, जहां स्थित केंद्रीय विद्यालय, सीआरपीएफ कैंप बंगरसिया में CBSE की भर्ती परीक्षा चल रही थी. इसी दौरान एक फर्जी परीक्षार्थी के बायोमेट्रिक मिलान में गड़बड़ी सामने आई. इसके बाद स्कूल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी.
बिहार से आया था फर्जी परीक्षार्थी
पुलिस जब मौके पर पहुंची तो संबंधित परीक्षार्थी ने खुद को बबलेश मीणा बताया और राजस्थान के दौसा जिले का निवासी बताया. लेकिन बातचीत के दौरान उसकी भाषा शैली पर संदेह हुआ. जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो आरोपी ने कबूल किया कि उसका नाम सोनू कुमार मिश्रा है और वह पटना (बिहार) का रहने वाला है.
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सोनू ने बताया कि उसकी पहचान पटना में पढ़ाई के दौरान जसवंत मीणा नामक युवक से हुई थी. जसवंत ने उसे बबलेश मीणा की जगह परीक्षा देने के लिए 4 लाख रुपये का ऑफर दिया था. बबलेश और जसवंत के बीच 10 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था, जिसमें से 6 लाख जसवंत को और 4 लाख सोनू को मिलने थे. एडवांस के तौर पर बबलेश से 2 लाख रुपये लिए गए, जिनमें से 50 हजार सोनू को दिए गए.
फ्लाइट से आया और होटल में रुका
सोनू ने बताया कि वह 19 अप्रैल को दिल्ली से फ्लाइट पकड़कर भोपाल आया और एक होटल में ठहरा. अगले दिन यानी 20 अप्रैल को वह परीक्षा केंद्र पहुंचा, लेकिन बायोमेट्रिक मिसमैच होने पर उसकी पोल खुल गई.
मुख्य सरगना समेत तीन गिरफ्तार
पुलिस ने सोनू की निशानदेही पर मुख्य सरगना जसवंत मीणा और असली परीक्षार्थी बबलेश मीणा को भी गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से एक टैबलेट, दो मोबाइल फोन, फर्जी आईडी कार्ड, दस्तावेज और लगभग डेढ़ लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं. पुलिस अब इस सॉल्वर गैंग के अन्य सदस्यों और नेटवर्क की भी जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि यह गिरोह देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा कर चुका है.