मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहां NSUI मेडिकल विंग के संयोजक और छात्र नेता रवि परमार सोमवार दोपहर पंजाब नेशनल बैंक पहुंचे. वहां उन्होंने 10 हजार रुपये लोन देने की गुहार लगाई, ताकि वह जमानत राशि भर सकें.
बता दें कि NSUI नेता रवि परमार को जिला प्रशासन ने दस हजार रुपये जमा करने के निर्देश दिए हैं. बैंक से लोन लेने पहुंचे रवि परमार ने बैंक प्रबंधन को पत्र सौंपा.
इसमें उन्होंने लिखा कि 'मैं रवि परमार छात्र नेता भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) से जुड़ा हूं. हाल ही में मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाला हुआ है, जिसकी वजह से लाखों छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है. चूंकि मैं स्वयं एक नर्सिंग छात्र हूं, नर्सिंग के सभी छात्र छात्राएं मेरे छोटे भाई बहन हैं. प्रदेश के नर्सिंग छात्र-छात्राओं की समस्याओं को देखते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित करने के और दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर मैंने आवाज उठाई.'
फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने वालों पर कार्रवाई नहीं
इसके बाद पुलिस प्रशासन द्वारा मंत्रियों के कहने पर मेरे ऊपर ढेर सारे मुकदमे दर्ज कर दिए गए हैं. नर्सिंग छात्रों के भविष्य के लिए आवाज उठाने के कारण मुझे 5 से ज्यादा बार पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं 2 से 3 बार जेल भी भेज चुकी है.
मगर, अभी तक फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े की वजह से मेरे छोटे भाई बहनों की तीन वर्षों से परीक्षाएं नहीं हुई. वे पिछले तीन वर्षों से फर्स्ट ईयर में ही हैं, जबकि उन्हें थर्ड ईयर में होना चाहिए.
नौकरी तो दूर, डिग्री मिलने की भी संभावना नहीं
नर्सिंग की पढ़ाई के लिए जिन स्टूडेंट्स ने लोन लिया था, उनकी जल्द ही किश्तें भी शुरू हो जाएंगी. लेकिन नौकरी तो दूर डिग्री मिलने तक की संभावना नहीं दिख रही. पूर्व नर्सिंग छात्र होने के नाते मुझे नर्सिंग के सभी छात्र छात्राओं की चिंता है और उनकी परेशानियां देखकर मैं तनावग्रस्त हो गया हूं.
अधिकांश छात्र-छात्राएं किसान परिवार और निम्न मध्यम वर्ग से हैं. लाखों रुपये फीस भरने के बाद भी वो अभी सिर्फ 12वीं पास हैं, ऐसे में उनकी पढ़ाई और करियर अधर में लटका हुआ है. मगर, उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
रवि परमार ने बीजेपी के मंत्रियों पर साधा निशाना
लोन के लिए आवेदन में रवि परमार ने बीजेपी के मंत्रियों पर निशाना साधते हुए लिखा, 'अब मुझे शिक्षा माफियाओं द्वारा नर्सिंग छात्र-छात्राओं की लड़ाई लड़ने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है. इस मंशा के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा मुझे 10 हजार रुपये की राशि 06 जून 2023 दोपहर 12 बजे तक जमा करने का आदेश जारी किया गया है. अन्यथा मुझे 6 माह के लिए कारावास में बंद करने के आदेश दिए गए हैं.'
आवेदन में आगे लिखा है, 'मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से आता हूं और 10 हजार रुपये जमा करने की आर्थिक स्थिति में नहीं हूं. आप मुझे आपके बैंक से 10 हजार रुपये का लोन देने की कृपा करें. मैं देश का एक जिम्मेदार नागरिक हूं और संवैधानिक मूल्यों के साथ-साथ नैतिक मूल्यों को अपने जीवन में सबसे ऊपर रखता हूं.'
'लोन लेकर नीरव मोदी की तरह भागूंगा नहीं'
परमार ने बैंक को भरोसा दिलाया है कि लोन की रकम लेकर वह नीरव मोदी की तरह देश छोड़कर नहीं भागेंगे. बैंक के नियम अनुसार, सूद-समेत चुकाएंगे. परमार ने गुजारिश करते हुए लिखा कि यदि आप मुझे 10 हजार रुपये लोन देंगे, तो न सिर्फ मैं झूठे मुकदमे में जेल जाने से बच जाऊंगा, बल्कि लाखों नर्सिंग छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी नहीं होने दूंगा. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी करवा सकूंगा'.