भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण की तैयारियां जोरों पर है. इसी बीच मध्य प्रदेश में एक विवादित किताब जमकर वायरल हो रही है. इस किताब में हिंदुओं के आराध्य भगवान श्रीराम को लेकर काफी आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं. इतना ही नहीं, माता कौशल्या और केकैई के संबध में विवादास्पद टिप्पणियां हैं. बताया जाता है कि यह किताब भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने लिखी है. लेकिन विधायक इससे मुकर गए हैं.
दावा किया जा रहा है कि इस किताब को मऊगंज से भाजपा विधायक मऊगंज प्रदीप पटेल ने लिखा है. इसका प्रकाशन मूलनिवासी चेतना मंच, रीवा ने किया है और मुद्रक लक्ष्मी नगर दिल्ली है. लेखक ने किताब में भगवान श्रीराम को लेकर अमर्यादित और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. जिन्हें हम न तो लिख सकते और न ही बोल सकते हैं.
वहीं, भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने इस तरह की लिखी किसी भी किताब से इनकार कर दिया है. विधायक की दलील है कि उन्होंने ऐसी कोई किताब नहीं लिखी है और ना ही अब तक पढ़ी है. विधायक ने कहा उनके खिलाफ विरोधी लगातार षड्यंत्र रच रहे हैं. उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जाता रहा है. इस पर वह कानूनी कार्रवाई करेंगे.
सपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने किताब को सार्वजनिक करते सनातन पर भाजपा के चरित्र पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश मंत्री गुरमीत सिंह मंगू ने कहा है कि इस मामले में RSS और बजरंग दल क्यों चुप हैं? उन्हें बोलना चाहिए. यही भाजपा की दोहरी मानसिकता है.
बहरहाल, भाजपा विधायक भले ही इस किताब से इनकार करते हों, लेकिन ये बात सच है कि भाजपा में आने से पूर्व प्रदीप पटेल बसपा नेता के रूप में काफी विवादित रहे हैं. इस किताब ने एक बार फिर बखेड़ा खड़ा कर दिया है. भाजपा के विरोध में पार्टियां खड़ी हो गई हैं. उधर, सनातन पर आक्रामक दिख रही भाजपा इस मुद्दे में चुप्पी साध रखी है.