MP News: भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में ऑन्कोलॉजी सर्जिकल टीम ने 10 घंटे चली मैराथन सर्जरी के बाद 45 साल के एक मरीज के अग्नाशय (पैंक्रियास) के ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाला. मरीज को पिछले चार महीनों से ऊपरी पेट में बाएं तरफ लगातार पेट दर्द की शिकायत थी. मरीज ने अन्य अस्पतालों में भी इसकी जांच कराई थी और उसे बताया गया कि पित्ताशय के कैंसर के कारण यह समस्या हो रही है. बाद में उस मरीज ने जब एम्स, भोपाल की सर्जिकल ऑन्कोलॉजी ओपीडी में जांच कराई तो पता चला कि उसे पित्ताशय का कैंसर नहीं बल्कि अग्नाशय का कैंसर है. अग्नाशय के कैंसर को साइलेंट किलर माना जाता है, क्योंकि इसका पूर्वानुमान करना या जांच में पकड़े जाने की संभावना बेहद कम होती है.
सारी मेडिकल जांच फिर से करवाने के बाद सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. नीलेश श्रीवास्तव ने प्रोफेसर डॉ. विनय कुमार के मार्गदर्शन में डॉ. सोनवीर गौतम, सीनियर रेजिडेंट और डॉ. मौली, एसोसिएट प्रोफेसर एनेस्थीसिया के साथ मिलकर 10 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद अग्नाशय के ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाला.
अग्नाशय के ट्यूमर की प्रकृति को देखते हुए डॉ. नीलेश श्रीवास्तव ने व्हिपल प्रक्रिया के द्वारा सर्जरी करने का निर्णय लिया. व्हिपल की प्रक्रिया कभी - कभी की जाने वाली एक जटिल सर्जरी है. सफलतापूर्वक की गई. यह जटिल सर्जरी मेडिकल टीम के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और जटिल मामलों को संभालने में एम्स भोपाल की उन्नत क्षमताओं को दर्शाती है.
ऑपरेशन के बाद, डॉ. सौरभ सहगल, अतिरिक्त प्रोफेसर ने क्रिटिकल केयर में मरीज को विशेष देखभाल प्रदान की. एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए पूरी टीम को हार्दिक बधाई दी. मरीज फिलहाल स्थिर स्थिति में है, पेट दर्द से मुक्त है और रिकवर हो रहा है.