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हीरे की चाह में पन्ना पहुंचे 20 हजार से भी ज्यादा लोग, नदी की धार में कर रहे तलाश

MP News: पन्ना की रुंझ नदी के किनारे इन दिनों 20 हजार से ज्यादा लोग हीरे तलाश में डेरा डाले हुए हैं. लोग रातो-रात लखपति बनने की चाह में यहां अपनी किस्मत आजमाने पहुंचे हैं. नदी किनारे पन्ना के अलावा छतरपुर, रीवा, सतना और उत्तर प्रदेश से भी हीरे ढूंढने आ रहे हैं.

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रुंझ नदी के किनारे हीरे खोजते लोग. (Photo: Aajtak)
रुंझ नदी के किनारे हीरे खोजते लोग. (Photo: Aajtak)

''कट चुकी है उम्र सारी जिनकी पत्थर तोड़ते, अब तो इन हाथों में कोहिनूर होना चाहिए...'' मशहूर शायर राहत इंदौरी का शेर मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के मजदूरों पर सटीक बैठता है. दरअसल, इन दिनों पन्ना की रुंझ नदी के किनारे हीरे तलाश में हजारों लोगों ने डेरा डाल रखा है. यहां पन्ना जिले के साथ छतरपुर, सतना, रीवा व उप्र के बांदा जिले से भी लोग आ रहे हैं. इनमें पुरुषों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. जो रुंझ नदी के तट पर हीरे की तलाश कर रहे हैं. 

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रुंझ नदी के किनारे कई लोग बीच धार में हीरे तलाश कर रहे हैं. पन्ना की इस नदी में करीब पांच किलोमीटर तक के दायरे में लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है. यहां हीरे मिलते हैं या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यहां करीब बीस हजार से अधिक लोग हीरे की चाहत में खुदाई कर रहे हैं. 

पन्ना की रुंझ नदी इस पर सरकार डैम का निर्माण कर रही है. लोगों को पता चला तो हजारों लोग डैम से निकली मिट्टी में भी हीरा तलाशने पहुंच गए. 

 पन्ना की रुंझ नदी उगल रही हीरे? नदी के किनारे 20 हजार से ज्यादा लोगों ने डाला डेरा

पन्ना के अजयगढ़ अंतर्गत विश्रामगंज घाटी के नीचे इन दिनों रुंझ डैम का निर्माण चल रहा है. यहां भारी मात्रा में मिट्टी खोदी गई है, जिसमें हीरा मिलने वाली चाल भी बड़ी मात्रा निकली है. यही वजह है कि यहां पर बीस हजार से अधिक लोग अपनी किस्मत आजमाने पहुंच रहे हैं. लोग मिट्टी में हीरे की तलाश कर रहे हैं. सुबह से शाम तक नदी किनारे मेला सा लगा रहता है.

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नदी के किनारे सज गईं दुकानें, ज्योतिषाचार्य लोगों को बताते हैं- हीरा मिलेगा या नहीं!

हजारों लोग पिछले महीने से नदी के किनारे तलहटी में डेरा जमाए हुए हैं. ये लोग मिट्टी से हीरे को ढूंढ़ने के लिए अपने साथ तसला, छलनी सहित अन्य उपकरण साथ रखते हैं. डैम की मिट्टी को नदी के पानी में धोते हैं. यह प्रकिया करीब एक महीने से जारी है.

लोगों की भीड़ को देखते हुए यहां दुकानें खुल गई हैं. खाने पीने के सामान के अलावा जड़ी बूटियों की दुकानें भी लगी हैं. इसके अलावा ज्योतिषाचार्य भी बैठ गए हैं, जो लोगों को विचार करके यह बताते हैं कि उन्हें हीरा मिलेगा या नहीं.

 पन्ना की रुंझ नदी उगल रही हीरे? नदी के किनारे 20 हजार से ज्यादा लोगों ने डाला डेरा

रुंझ नदी से करीब 72 कैरेट का हीरा मिलने की अफवाह सुनकर लोग नदी के तट पर पहुंच रहे हैं. लोगों का दावा है कि कई लोगों को यहां से बड़े-बड़े हीरे मिले हैं. हालांकि अभी तक किसी को हीरा मिलने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. पहले भी नदी से हीरे मिलते की बातें सामने आती रही हैं.

लोग बोले- खबर मिली थी कि नदी से हीरे निकल रहे हैं तो हम भी आ गए

छतरपुर से हीरा तलाशने पहुंचे मानसिंह यादव ने कहा कि पता चला कि नदी में हीरे मिलते हैं तो हम लोग भी आ गए. किस्मत आजमा रहे हैं. भगवान सबको देता है तो हमको भी देगा. हीरा मिलेगा तो परिवार का भरण-पोषण ठीक से कर पाएंगे.

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शाहनगर से आए लल्लू दुबे ने कहा कि खबर मिली थी कि पन्ना में एक नदी है, जिसमें हीरे मिलते हैं. किस्मत आजमाने आए हैं. अगर हीरा मिलता है तो कुछ काम धंधे बढ़ाएंगे. गोरेलाल ने कहा कि हीरा मिलेगा तो खेती पाती ठीक से कर पाएंगे, अभी हीरा ढूंढ़ने में लगे हैं, उम्मीद है कि हीरा मिलेगा. मुकेश पटेल ने कहा कि हीरे की तलाश कर रहे हैं. यहां मिल सकता है. मिल गया तो बच्चों को ठीक से पढ़ाएंगे और कर्जा भी चुकाएंगे.

खनिज अधिकारी बोले- वन क्षेत्र होने के कारण नहीं हो पा रही आधिकारिक पुष्टि

इस मामले में खनिज अधिकारी का कहना है कि रुंझ में हीरे निकलते हैं, लेकिन यहां वन भूमि होने के चलते भू-भाग के लिए पट्टे जारी नहीं किए जा सकते, जिससे राजस्व को घाटा हो रहा है.

 पन्ना की रुंझ नदी उगल रही हीरे? नदी के किनारे 20 हजार से ज्यादा लोगों ने डाला डेरा

इस समय हीरा कार्यालय में जमा हो रहे हीरों की बढ़ती संख्या बता रही है कि हीरे रुंझ नदी मे मिल रहे हैं, लेकिन वन क्षेत्र होने के चलते आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पा रही है. हालांकि हजारों की संख्या में लोग यहां किस्मत आजमाने आ रहे हैं.

खनिज व हीरा अधिकारी रवि पटेल ने कहा कि नदी से हीरे निकल रहे हैं, इस बात का संज्ञान ले रहे हैं. संज्ञान लेने के बाद पट्टे जारी होते हैं. वहां भी पट्टे देने की सोच रहे हैं. यह मामला अभी संज्ञान में आया है.

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रुंझ नदी के किनारे डेरा डाले लोग. (Photo: Aajtak)

खनिज साधन व श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि नदी से हीरे निकलने की बात हमारे संज्ञान में आई थी. हमने अपने पीए से बात की है. तत्कालीन कलेक्टर पन्ना ने पत्र लिखा है कि डैम में जो जमीन डूब में आ रही है, उसको एनएमडीसी या किसी अन्य एजेंसी को दे दिया जाए, ताकि हमारे हीरे इस क्षेत्र से निकल आएं, क्योंकि यह क्षेत्र डूब में जाने वाला है.

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