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PM मोदी रखेंगे केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की आधारशिला, MP और UP की 65 लाख आबादी को मिलेगा पीने का पानी

MP के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि इस परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के 10 जिलों के करीब 44 लाख लोगों और उत्तर प्रदेश के 21 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा. इस परियोजना की अनुमानित लागत 44,605 ​​करोड़ रुपये है.

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MP के CM मोहन यादव ने PM मोदी से की थी मुलाकात.
MP के CM मोहन यादव ने PM मोदी से की थी मुलाकात.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की आधारशिला रखेंगे. यह राष्ट्रीय नदी जोड़ो नीति के तहत इस तरह की पहली पहल है. MP के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि इस परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के 10 जिलों के करीब 44 लाख लोगों और उत्तर प्रदेश के 21 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा. इस परियोजना की अनुमानित लागत 44,605 ​​करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना से 2,000 गांवों के करीब 7.18 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे. इससे 103 मेगावाट जलविद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा भी पैदा होगी.

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CM यादव ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसंबर को छतरपुर जिले के खजुराहो में इस परियोजना की आधारशिला रखने आ रहे हैं. यह परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर बदल देगी." उन्होंने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच सहयोग और समन्वय का एक अनूठा उदाहरण है.

यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के सपने को साकार करने की पहल की है. इस परियोजना के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा और पीने और औद्योगिक उपयोग के लिए भी पर्याप्त पानी मिलेगा.

क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. सीएम ने कहा कि सूखा प्रभावित बुंदेलखंड क्षेत्र में भूजल की स्थिति में भी सुधार होगा.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि केन-बेतवा देश की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है, जिसमें भूमिगत दबाव वाली पाइप सिंचाई प्रणाली को अपनाया गया है. परियोजना के तहत पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा और 2.13 किलोमीटर लंबा दौधन बांध और दो सुरंगें (ऊपरी स्तर 1.9 किलोमीटर और निचला स्तर 1.1 किलोमीटर) बनाई जाएंगी.

सीएम ने कहा कि बांध में 2,853 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी संग्रहित किया जाएगा.  केन नदी का अतिरिक्त पानी दौधन बांध से 221 किलोमीटर लंबी लिंक नहर के माध्यम से बेतवा नदी में स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे दोनों राज्यों में सिंचाई और पेयजल सुविधाएं उपलब्ध होंगी. 

इस परियोजना से 10 जिलों - पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया के 2,000 गांवों में 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा सकेगी. इससे करीब सात लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे. 

केन-बेतवा परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59,000 हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा और 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई को स्थिर किया जाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर और बांदा जिलों में सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इस परियोजना में मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में ऐतिहासिक चंदेलकालीन विरासत वाले तालाबों को बचाने का काम भी शामिल है, जहां बरसात के मौसम में पानी जमा किया जा सकेगा. 

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सीएम यादव ने बताया कि दौधन जलाशय पन्ना टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों को साल भर पीने का पानी उपलब्ध कराएगा, वन पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करेगा और यूपी के बांदा जिले को बाढ़ के खतरे से राहत दिलाएगा. 

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में व्याप्त जल संकट समाप्त होगा और रोजगार के लिए पलायन पर भी रोक लगेगी. परियोजना के क्रियान्वयन के लिए पीएम मोदी की मौजूदगी में 22 मार्च, 2021 को मध्य प्रदेश, यूपी के मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री द्वारा एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे.

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