'तू डाल-डाल तो मैं पात-पात' कहावत को मध्य प्रदेश पुलिस ने इन दिनों चरितार्थ कर डाला है. खंडवा जिले में पुलिसकर्मियों ने कबाड़ वाला तो कहीं बैंक अधिकारी बनकर 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. अलग-अलग मामलों के आरोपी अपनी पहचान छिपाकर अपना काम धंधा कर रहे थे. फिलहाल तीनों को पुलिस ने कोर्ट में पेश जेल भेज दिया है.
दरअसल, सिटी कोतवाली में दो अलग-अलग मामलों में लंबे समय तक कोर्ट में पेश नहीं होने पर दो आरोपियों के खिलाफ अदालत ने स्थाई वारंट जारी किया था. इसमें से एक इंदौर में कबाड़ी का कार्य कर रहा था, तो दूसरा मकान बनाने का ठेका लेता था. दोनों को पकड़ने के लिए पुलिस को कहीं कबाड़ी तो कहीं बैंक अधिकारी बनना पड़ा.
सिटी कोतवाली थाना प्रभारी बलजीतसिंह बिसेन ने बताया, अकील शेरू पठान के खिलाफ चोरी और आबकारी एक्ट के तहत कुछ आपराधिक मामले दर्ज थे. लगभग एक साल से पुलिस को उसकी तलाश थी. सूत्रों से जानकारी मिली कि वह इंदौर में कबाड़ी का कार्य कर रहा है, तो उसे पकड़ने के लिए सिपाही अमर प्रजापति और अमित यादव ने भी कबाड़ेवाला बनकर कबाड़ खरीदने का सौदा करने की बात की. जब आरोपी सौदे के लिए मिलने आया तो उसे पुलिस टीम ने धर दबोचा.
इसी तरह रवि रामदास और भारत राजपूत के खिलाफ भी आपराधिक लापरवाही का एक मामला दर्ज था. वह भी लंबे समय से फरार चल रहा था. उसके बारे में भी यही जानकारी मिली कि वह इंदौर के तिलक नगर में मकान बनाने के लिए ठेकेदारी का कार्य करता है. उसे घेरने के लिए पुलिसकर्मी बैंक अधिकारी बने और उसे ऋण (Loan) दिलाने का लालच दिया ताकि वह अपना कारोबार बढ़ा सके.
जब वह पुलिस के बिछाये जाल में फंस गया तो बैंक अधिकारी बने पुलिसकर्मियों ने अपनी असली पहचान बताई और उसे गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपियों को पुलिस ने इंदौर से गिरफ्तार कर खंडवा ले आई है, जहां उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.