
मध्य प्रदेश के मंदसौर के निवासी गीतकार प्रशांत पांडे ने जयपुर में आयोजित '2025 इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अकादमी' (IIFA) अवॉर्ड्स में किरण राव की फिल्म 'लापता लेडीज' के गीत 'ओ सजनी रे...' के लिए सर्वश्रेष्ठ लिरिसिस्ट का पुरस्कार जीता. इस उपलब्धि पर मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रशांत को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.
जगदीश देवड़ा ने अपने बयान में कहा, "मंदसौर जिले के सुवासरा की प्रतिभा, गीतकार प्रशांत पांडे को 'लापता लेडीज' के गीत 'ओ सजनी रे' के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का पुरस्कार #IIFAAwards2025 में प्राप्त हुआ. छोटे से कस्बे से निकलकर मुंबई में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाना निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण कार्य है. मैं उन्हें बधाई-शुभकामनाएं देते हुए उनके यशस्वी जीवन की कामना करता हूं. आपकी इस उपलब्धि से पूरा जिला और प्रदेश गौरवान्वित है."
प्रशांत पांडे का सफर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिले के सुवासरा निवासी प्रशांत पांडे के पिता देवेंद्र पांडे सरकारी शिक्षक हैं, जबकि मां मंजुला पांडे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं. अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद प्रशांत ने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. उनका सपना गायक बनने का था, लेकिन जब यह संभव नहीं हुआ तो उन्होंने प्राइवेट कंपनी में नौकरी शुरू की. इस दौरान वह गीत लिखते और सोशल मीडिया पर अपलोड करते रहे. उनकी प्रतिभा को फिल्म इंडस्ट्री के एक म्यूजिक डायरेक्टर ने पहचाना और उन्हें 'लापता लेडीज' में गीत लिखने का मौका मिला. 2024 में रिलीज हुई इस फिल्म का गीत 'सजनी' साल के टॉप गानों में शुमार रहा. IIFA में प्रशांत को 'सजनी' के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का पुरस्कार मिला, जबकि संगीतकार राम संपत को सर्वश्रेष्ठ संगीत का सम्मान प्राप्त हुआ.
'लापता लेडीज' की बड़ी जीत
फिल्म 'लापता लेडीज' ने इस समारोह में धूम मचाते हुए कुल 10 पुरस्कार अपने नाम किए. किरण राव के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशन सहित कुल 10 पुरस्कार जीते. ऑस्कर के लिए चयनित इस भारतीय फिल्म ने कई प्रमुख श्रेणियों में बाजी मारी. किरण राव को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक और नितांशी गोयल को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (मुख्य भूमिका) का पुरस्कार मिला.
फिल्म की सफलता पर किरण राव ने कहा, "'लापता लेडीज' जैसी फिल्म के लिए अवॉर्ड जीतना दुर्लभ सौभाग्य है. यह एक शानदार रात रही है. इस तरह की फिल्म बनाना अपने आप में विशेष अनुभव है. इससे बड़ी कोई खुशी नहीं हो सकती कि लोग हमारी फिल्म बार-बार देख रहे हैं."
मंदसौर का गौरव
प्रशांत की इस उपलब्धि ने मंदसौर और मध्य प्रदेश को गर्व का मौका दिया है. एक छोटे से कस्बे से निकलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान बनाना उनकी मेहनत और प्रतिभा का प्रमाण है. यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि प्रदेश के उन युवाओं के लिए भी प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की राह पर हैं.